51 थारपारकर गायों और 3 अरबी घोड़ों समेत कुल कितनी संपत्ति के मालिक थे जसवंत सिंह
नई दिल्ली- पूर्व भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। उन्होंने अपना आखिरी चुनाव 2014 में तब बीजेपी के खिलाफ लड़ा था, जब देश में नरेंद्र मोदी की लहर चल रही थी। वह राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी और कांग्रेस के पूर्व विधायक सोनाराम से चुनाव हार गए थे। उस चुनाव में भाजपा के इस पूर्व दिग्गज नेता ने अपनी कुल संपत्ति का जो आधिकारिक ब्योरा दिया था, उसमें उन्होंने थार की स्थानीय नस्ल की गायों समेत उन्नत अरबी नस्ल के घोड़ों और वाहनों का भी जिक्र किया था। आइए जानते हैं कि उनके उस चुनावी हलफनामे में कुल कितनी संपत्ति का जिक्र हुआ था।
जसवंत सिंह की कुल संपत्ति
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने अपना आखिरी चुनाव राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट से भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ लड़ा था। इससे पहले वह पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। अपने अंतिम चुनाव में उन्होंने चुनावी हलफनामे में कुल 7.5 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दिया था। इसमें उन्होंने कुल 1,49,83,510.08 रुपये की चल संपत्ति बताई गई थी, जिसमें उनके हाथ में 51,570 रुपये कैश के रूप में थे। जबकि, उनके पास अपने नाम से कुल 6,14,50,000 रुपये की अचल संपत्ति थी।
Recommended Video
जसवंत सिंह पर नहीं थी कोई देनदारी
अगर इस संपत्ति में उस समय बताए गए आंकड़ों के हिसाब से उनकी पत्नी शीतल कुमारी की संपत्ति का भी ब्योरा जोड़ें तो यह और ज्यादा हो जाता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में दाखिल किए गए एफिडेविट के अनुसार देश के पूर्व रक्षा, वित्त और विदेश मंत्री रहे जसवंत सिंह की पत्नी के पास 77,56,480 रुपये की चल और 3,62,35,000 रुपये की अचल संपत्ति थी। हलफनामे के मुताबिक जसवंत सिंह और उनकी पत्नी पर किसी तरह की कोई देनदारी नहीं थी।
जसवंत सिंह के फार्म में 51 थारपारकर गायें थीं
जसवंत सिंह ने अपने नाम की जो करीब 1.5 करोड़ रुपये की चल संपत्ति का जिक्र किया था, उसमें राजस्थान के थार मरुस्थल इलाके में पाई जाने वाली स्थानीय थारपारकर नस्ल की 51 गायों की झुंड भी शामिल थी। ये गायें उनकी जैसलमेर और बाड़मेर फॉर्म में थीं। दोहरे उद्देश्य वाली थारपारकर नस्ल की गाय मुख्य रूप से अपनी बहुत ज्यादा मात्रा में दूध देने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं। इस नस्ल का नाम ही थार इलाके पर पड़ा है। जबकि, जोधपुर में जसवंत सिंह का फार्म हाउस है, जहां थारपारकर गायों के प्रजनन का भी काम होता है।
उपहार में मिले थे अरबी घोड़े
इसके अलावा जसवंत सिंह ने चुनावी हलफनामे में जिन तीन अरबी घोड़ों का जिक्र किया था, उनमें से दो अरबी घोड़े उन्हें सऊदी अरब के प्रिंस ने उपहार में दिए थे और तीसरा भारत में ही पैदा हुआ था। जानकारी के मुताबिक जसवंत सिंह ने उन्नत ब्रीड के गायें और सांड एक स्थानीय रिसर्च सेंटर और गौशाला को दान में भी दिए हैं।
जसंवत के पास कुल सात वाहन थे
इनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चुनावी हलफनामे में अपने पास मौजूद वाहनों का भी ब्योरा चुनाव आयोग को दिया था। इसके मुताबिक तब उनके पास कृषि कार्य के लिए एक ट्रैक्टर के अलावा तीन गाड़ियां थीं। इनमें एक फिएट, एक टाटा सफारी और एक टाटा मरीना का जिक्र किया गया था। जबकि उनकी पत्नी के पास भी तीन वाहन थे, जिनमें दो टोयोटा इनोवा शामिल है।