जॉर्ज और अटल के जैसी हो गई है जसवंत सिंह की हालत, एक मित्र जो रोज मिलने जाते हैं
नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्र में मंत्री और लंबे समय तक भाजपा के पहली पंक्ति के नेता रहे जसवंत सिंह की तबीयत अब काफी खराब है। तीन साल पहले घर में गिर जाने के बाद उनके सिर में चोट लग गई थी, तब से उनकी हालत में सुधार नहीं हो पाया है और वो कोमा जैसी स्थिति में हैं। उनके बेटे ने एक पत्र में बताया है कि उनकी हालत अब ऐसी हो गई है कि वो वा कुछ कह पाते हैं और ना ही बहुत कुछ महसूस कर पाते हैं। राजस्थान में विधायक उनके बेटे मानवेंद्र सिंह ने द प्रिंट को लिखे एक लेख में पिता की तबीयत के बारे में बताया है। 80 साल के हो चुके जसवंत सिंह के बारे में उन्होंने लिखा है कि वो अब अटल बिहारी वाजपेयी जैसी हालत में हैं।
आडवाणी लगातार मिलने आते हैं
मानवेंद्र ने लिखा है, 'पिता जी के करीबी दोस्त उनके मिलने आते रहते हैं लेकिन वो उन्हें कुछ जवाब नहीं दे पाते। आडवाणी पिता जी के ऐसे दोस्त हैं जो लगातार उनके पास आते हैं, वो अक्सर उनको देखकर रोने लगते हैं।' मानवेंद्र ने बताया है कि अटल बिहारी वाजपेयी से पिता का बड़ा करीबी रिश्ता रहा, पिता जी को वाजपेयी का हनुमान कहा जाता था लेकिन अटल जी के हनुमान अब उड़ नहीं सकते हैं।
एक महिला ने कई दिनों तक दी थीं जसवत सिंह को फोन पर गालियां
मानवेंद्र ने 1999 में विमान अपहरण के बाद के एक किस्से का भी जिक्र किया है, जब एक उनके घर फोन कर मामले में ढील बरतने की बात कहते हुए एक महिला जसवंत सिंह को भला-बुरा कहती थी और गालिंया तक देती थी। इसके बावजूद जसवंत सिंह खुद ही फोन रिसीव करते थे। उन्होंने बताया कि ये महिला विमान के क्रू मेंबर की पत्नीथी और विमान के वापस आने पर उसने फूलों का गुलदस्ता देकर जसवंत सिंह से माफी मांगी थी और बताया था कि उसने ही वो फोन किए थे।
आखिरी दिनों में पार्टी की बेरुखी ने कष्ट दिया
मानवेंद्र ने बताया है जिन्ना पर उनकी पुस्तक को लेकर विवाद के बाद वो निजी जीवन में थोड़ा एकांत पसंद करने लगे थे। अपने राजनीतिक जीवन के आखिर में वो बाडमेर से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन 2014 में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया, जिससे वो बहुत दुखी हुए, लेकिन अब शायद ही उनके लिए कोई दवा काम करे। जसवंत सिंह भारतीय राजनीति के एक ऐसे नाम हैं, जो रक्षामंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री रहे हैं। जसवंत सिंह 2012 में हुए उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में राजग की ओर से उम्मीदवार भी रहे।
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