चीन नहीं रहा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार, जापान ने पछाड़ा
नई दिल्ली। चीन पर अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वॉर का असर दिखना शुरु हो गया है। जहां एक ओर उसकी आर्थिक रफ्तार कम पड़ गई है तो वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को चीन से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े शेयर बाजार का दर्जा भी छिन गया। ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक, जापान ने चीन को पछाड़ते हुए दूसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है। 2004 में चीन ने जापान को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया था।
जापान का शेयर हजार 6.17 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया
गुरुवार की गिरावट के बाद, ब्लूमबर्ग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चीनी इक्विटी 6.09 ट्रिलियन डॉलर की रह गई है। वही जापान का शेयर हजार 6.17 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। 31 ट्रिलियन डॉलर कीमत के साथ यू.एस. का विश्व का सबसे बड़ा शेयर बाजार है। ब्लूमबर्ग ने सीईबी इंटरनेशनल इंवेस्टमेंट कॉर्प के रिसर्च हेड बैनी लैम के हवाले से कहा है कि अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वार के कारण चीन का शेयर बाजार जापान से पिछड़ गया है।
दुनिया का दूसरा सबसे मूल्यवान इक्विटी मार्केट बना
2014 के अंत में चीन जापान को पछाड़कर ही दूसरे नंबर पर पहुंचा था। लेकिन जून 2015 में चीनी शेयर बाजार 10 ट्रिलियन डॉलर के साथ अपने अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके साथ ही वह दुनिया का दूसरा सबसे मूल्यवान इक्विटी मार्केट बना हुआ था, लेकिन अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ वॉर के चलते चीन के शेयर बाजार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
शंघाई कंपोजिट इंडेक्स सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा
इस वॉर का असर यह है कि चीन के शेयर बाजार में लगातार गिरता चला जा रहा है। इंवेस्टमेंट कॉर्प के रिसर्च हेड बैनी लैम ने बताया कि, वर्तमान में जापान का इक्विटी गेज चीन के इक्विटी की अपेक्षा अधिक स्थिर है। जबकि चीन का बाजार में इस साल के शुरुआत से लगातार गिरावट देखी जा रही है। शंघाई कंपोजिट इंडेक्स (CSI) में इस साल 16 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है और यह विश्व का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है। वहीं युआन डॉलर के मुकाबले 5.3 फीसदी तक गिर गया है।