India-China standoff: चीन के पुराने दुश्मन जापान ने किया भारत को समर्थन का ऐलान
नई दिल्ली। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच ही एक और देश ने भारत को अपना समर्थन दिया है। यह देश कोई और नहीं बल्कि चीन का पुराना प्रतिद्वंदी और क्वाड ग्रुप में भारत का साथी जापान है। जापान भारत में जापान के राजदूत सतोषी सूजुकी ने बड़ा बयान दिया है। जापान ने कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि बॉर्डर पर स्थिति में परिवर्तन का वह विरोध करता है।
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चार देशों वाले क्वाड ग्रुप में है भारत
सूजुकी ने भारत के विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रींगला से बात की और चीन के साथ हालातों का जिक्र किया। ट्विटर पर उन्होंने इसकी जानकारी दी और कहा, 'विदेश सचिव श्रींगला के साथ अच्छी वार्ता हुई। एलएसी पर स्थिति को लेकर उन्होंने जानकारी दी जिसमें भारत सरकार की उन नीतियों के बारे में भी बताया जो शांतिपूर्ण हल के लिए अपनाई जा रही हैं।' उन्होंने आगे लिखा, 'जापान उम्मीद करता है कि वार्ता के जरिए एक शांतिपूर्ण हल निकल सकेगा। जापान यथास्थिति को बदलने के लिए हो रहे प्रयासों का विरोध करता हैं।' जापान और भारत जिस क्वाड ग्रुप के सदस्य हैं उसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। इस ग्रुप का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्रों में चीन की घुसपैठ को रोकना है। 18 जून को जापान के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया था। इसमें कहा गया था, 'जापान सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है क्योंकि इसका असर क्षेत्रीय स्थिरता पर हो सकता है।'
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी भारत के साथ
जापान की सरकार ने उम्मीद जताई थी कि इस मामले का हल दोनों संबद्धित पक्षों के बीच वार्ता से निकल आएगा।' क्वाड के बाकी दो देश अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी भारत को समर्थन का ऐलान कर चुके हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने साफ कहा कि एलएसी पर चीन, भारत को भड़का रहा है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी साफ कर चुके हैं कि आक्रामकता ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चार जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी। उस मीटिंग में उन्होंने चीन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए भारत के साथ एक अहम डील की थी।
कमजोर लोग शांति के लिए कदम नहीं उठाते
चीन के साथ तनावपूर्ण हालातों के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लद्दाख का दौरा किया। 15 जून को गलवान घाटी में चीन के साथ गलवान घाटी में हिंसा हुई थी उसमें 20 सैनिक शहीद हुए थे। ये सभी सैनिक लेह स्थित XIV कोर के तहत पोस्टेड थे। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत मां के दुश्मनों ने आपकी आग और प्रकोप को देखा है।' पीएम मोदी ने कहा देश के हर घर में अब यहां के वीर सैनिकों का जिक्र हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि यहां पर सैनिकों ने उन लोगों को करारा जवाब दिया जिसने जीत हासिल करने की एक असफल कोशिश की थी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा से दुनिया को शांति का मार्ग दिखाया है लेकिन जो कमजोर हैं वह कभी भी शांति के लिए कदम नहीं उठा सकते हैं।
कुछ देशों की नीतियों ने भंग की शांति
पीएम मोदी ने कहा, 'हम वही लोग हैं जो भगवान कृष्ण की बांसुरी को पसंद करते हैं लेकिन हम उन्हीं भगवान कृष्ण को भी पूजते हैं जिनके हाथ में सुदर्शन चक्र होता हैं।' पीएम मोदी ने चीन को चैलेंज देते हुए कहा कि अब विस्तारवाद का दौर खत्म हो चुका है। यह समय विकास का समय है, न कि विस्तार का। पीएम मोदी लगातार चीन पर आक्रामक रुख अपनाए रहे। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की विस्तारवाद नीतियों ने दुनिया की शांति को भंग कर दिया है। लेकिन इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतों को या तो पराजय का मुंह देखना पड़ा है या फिर उन्हें पीछे जाना पड़ा है।