जापान: राजकुमारी को मिली आम आदमी से शादी की मंजूरी लेकिन ब्वॉयफ्रेंड को पूरी करनी होगी ये शर्त
टोक्यो। जापान के क्राउन प्रिंस फुमिहितो ने अपनी बेटी राजकुमारी माको (Princess Mako) की तीन साल से टल रही शादी को आखिरकार अपनी मंजूरी दे दी है। क्राउन प्रिंस ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी बेटी को अपने प्रेमी से शादी करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि शादी के पहले राजकुमारी के प्रेमी को एक काम पूरा करना है। राजकुमारी माको के पिता क्राउन प्रिंस फुमिहितो जापान के सम्राट के भाई हैं और उन्हें इसी साल ताज का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है।
प्यार के लिए शाही पदवी छोड़ने वाली राजकुमारी
राजकुमारी माको ने 2017 में ये घोषणा कर सभी को चौंका दिया था कि वह अपने क्लासमेट से प्यार करती हैं और उसी से शादी करना चाहती हैं। माको के प्रेमी का नाम केई कोमुरो है। दोनों की मुलाकात ब्रिटेन में पढ़ाई के दौरान हुई थी और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे थे। जापान के समाज में ये खबर बेहद ही चौंकाने वाली थी क्योंकि जापान के राजघराने के किसी सदस्य को आम आदमी से शादी की मंजूरी नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे शाही पदवी छोड़नी पड़ती है। जिस पर राजकुमारी माको ने कहा था कि वह शादी के लिए अपनी शाही पदवी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
दो बार शादी टाल चुकी थीं राजकुमारी
2017 में राजकुमारी माको के ऐलान के बाद ये खबर आई थी कि दोनों 2018 में शादी करने वाले हैं लेकिन 2018 में राजकुमारी ने शादी टालने का ऐलान करते हुए कहा था कि वे 2020 में शादी करेंगे। 2020 नवम्बर में राजकुमारी माको ने एक बार फिर अपनी शादी टालने की घोषणा की तो चर्चाएं शुरू हो गईं थीं कि राजकुमारी के ऊपर शायद शादी को लेकर परिवार का दबाव है।
नवम्बर में राजकुमारी माको ने कहा था कि वह और कोमुरो एक दूसरे के लिए बने हैं। हम एक दूसरे का सुख और दुख के समय में ख्याल रखेंगे। हमारे लिए शादी हमारे दिल की मर्जी के हिसाब से जीने और उसका सम्मान करने का विषय है। हमने ये नहीं बताया है। फिलहाल हमारी शादी को लेकर भविष्य की योजनाओं के बारे में बता पाना मुश्किल है।
लेकिन अब उनके पिता और जापान के क्राउन प्रिंस फुमिहितो की घोषणा ने राजपरिवार से दबाव की बात को खारिज कर दिया है। फुमिहितो ने राजधानी टोक्यो में बताया कि उन्होंने माको की शादी को मंजूरी दे दी है।
क्राउन प्रिंस ने दिया संविधान का हवाला
फुमिहितो ने कहा कि जापान के संविधान के मुताबिक शादी के लिए शादी करने वाले दोनों वयस्कों की आपसी सहमति के हिसाब से होनी चाहिए। अगर वे यही चाहते हैं तो एक पिता के रूप में मुझे लगता है कि मुझे उनकी इस निर्णय का सम्मान करना चाहिए।"
इस दौरान शादी कब होने की योजना है या किसी भी अन्य चीज की अधिक जानकारी सामने नहीं आई। हालांकि उन्होंने कोमुरो परिवार के आर्थिक लेनदेन के विवाद को सुलझाने की बात जरूर कही। क्राउन प्रिंस ने कहा कि "इस शादी को लोग स्वीकार करें और इसमें शामिल हों इसके लिए उन्हें (कोमुरो) इन मुद्दों को सुलझाना जरूरी है।" फुमिहितो ने कहा कि "उन्हें इस विवाद का पूरी तरह हल करके जनता का विश्वास हासिल करना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं तो कोई मुश्किल नहीं होगी।" हालांकि जापान टाइम्स के मुताबिक जुलाई में क्राउन प्रिंस ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि उनकी बेटी की शादी कब होगी।
कोमुरो की मां का पूर्व प्रेमी से है लेनदेन का विवाद
राजकुमारी माको के प्रेमी केई कोमुरो की मां ने अपने पूर्व प्रेमी से 4 मिलियन येन (जापानी मुद्रा) ली थी लेकिन वे ये रकम लौटाने में असफल रही थीं। हालांकि कोमुरो के मुताबिक उनकी मां ने ये रकम 2010-12 के दौरान लौटा दी थी। ये खबर उस समय आई थी जब दोनों की 2018 में शादी होने वाली थी। खबर बाहर आने के बाद दोनों ने अपनी शादी 2 साल के लिए टाल दी थी।
जनवरी 2020 में जारी एक बयान में कोमुरो ने कहा था कि उनकी मां रकम लौटाने को तैयार हैं। जबकि उनकी मां के पूर्व प्रेमी ने कहा था कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका पैसा लौटाया जाएगा। कोमुरो की मां को उनके प्रेमी ने 2013 में पैसा वापस लौटाने के लिए खत लिखा था और दोनों की मुलाकात भी हुई थी लेकिन उनकी मां ने उसकी मांग ठुकरा दी थी। कोमुरो ने बताया था कि उसके बाद इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई थी।
क्या कहता है जापान का शाही कानून ?
न्यूयॉर्क से कानून की पढ़ाई कर रहे केई कोमुरो ने अपने एक बयान में मां के पूर्व प्रेमी को आर्थिक सहायता के लिए धन्यवाद दिया था और उम्मीद जताई थी कि दोनों के बीच चल रहा विवाद आपसी सहमति से सुलझ जाएगा। कोमुरो न्यूयॉर्क जाने से पहले 2018 में टोक्यो की एक लॉ फर्म में काम कर रहे थे।
जापान के शाही कानून के मुताबिक जापान की कोई राजकुमारी को किसी आम आदमी से शादी करने पर अपनी पदवी से हटा दिया जाएगा। हालांकि यह नियम शाही परिवार के पुरुष सदस्यों पर लागू नहीं है। जापान के शाही कानून के मुताबिक राजगद्दी पर केवल पुरुष को ही उत्तराधिकारी बनाया जाएगा। वहीं महिलाओं को महारानी और राजकुमारी जैसी पदवियां दी जाती हैं लेकिन उन्हें गद्दी पर नहीं बिठाया जाता है।