Article 370 पर दिग्गज कांग्रेसी ने कहा, आजादी के समय की भूल को सुधारा गया है
नई दिल्ली- कांग्रेस के दिग्गज नेता और सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान पार्टी के मीडिया सेल के प्रभारी रहे पूर्व कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने आर्टिकल 370 हटाये जाने का खुलकर समर्थन कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह भूल आजादी के समय ही हुई थी, जिसे खत्म कर देना स्वागत योग्य कदम है। इस बीच जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठित करने वाला विधेयक राज्यसभा से भारी बहुमत से पास हो गया। उम्मीद है कि मंगलवार को यह लोकसभा से भी आसानी से पास हो जाएगा, क्योंकि वहां सरकार के पास बहुत भारी बहुमत पहले से ही मौजूद है।
हालात सुधरे तो फिर मिल सकता है पूर्ण राज्य का दर्जा
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा है कि अगर भविष्य में वहां हालात सुधरते हैं तो जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष कहता है कि 370 जाएगा तो कयामत आ जाएगी। उन्होंने कहा कि सदन के माध्यम से देश और जम्मू-कश्मीर के लोगों को वो बताना चाहते हैं कि इससे सूबे में लोकतंत्र पैदा नहीं हुआ, करप्शन बढ़ा है और घाटी में गरीबी घर कर गई है। शिक्षा संस्थानों में कमी भी 370 की वजह से ही है। गौरतलब है कि सोमवार को राज्यसभा से ये विधेयक 125 वोट के मुकाबले 61 मतों से पास हो गया है। ये बिल में जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं। इससे पहले राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35ए हटा दिया है।
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राष्ट्रीय संतोष की बात है- जनार्दन द्विवेदी
इसी बिल के पास होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा है कि ऐतिहासिक भूल को सुधार दिया गया है। उनके मुताबिक, "ये जो धारा 370 का मामला है ये बहुत पुराना मुद्दा है; और आजादी के बाद बहुत सारे स्वाधीनता सेनानी थे, जो नहीं चाहते थे कि धारा 370 रहे। मैं इस समय पार्टी की बात नहीं कर रहा हूं, व्यक्ति के रूप में मेरी राजनीतिक दीक्षा जिस स्वाधीनता सेनानी के नेतृत्व में हुई डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, वे शुरू से ही धारा 370 के विरुद्ध बात किया करते थे। हम लोग सब उस समय छात्र और युवा आंदोलनों में इसकी बात किया करते थे। जहां तक मेरा व्यक्तिगत विचार है, उसके हिसाब से ये एक राष्ट्रीय संतोष की बात है। एक भूल जो आजादी के समय हुई थी, उस भूल को देर से ही सुधारा गया और ये स्वागत योग्य है। आज राज्यसभा में पास हुआ है, कल लोकसभा में पास होगा।"
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शाह ने भी दिया था लोहिया का हवाला
इससे पहले राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि, '1964 में लोकसभा में एक चर्चा हुई। इसमें राम मनोहर लोहियाजी ने कहा कि जब तक आर्टिकल 370 है, तब तक भारत और जम्मू-कश्मीर का एकीकरण नहीं हो सकता। तब गुलजारी लाल नंदा ने इस बात को उचित समय आने पर फैसला लेने की बात कहकर टाल दिया। यह उचित समय अब आया है, जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं।'
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