जिसके नाम से सभी खाते थे खौफ, पकड़ा गया झारखंड का 'डॉन' नंबर वन
झारखंड। जिसके खौफ से झारखंड का जर्रा-जर्रा कांपता था। जिसके हुक्म की तालीम नहीं करने का मतलब मौत मिलना तय था। वो आखिरकार गिरफ्त में आ ही गया। फरार चल रहे सात लाख रुपए का इनामी अपराधी डॉन अखिलेश सिंह के पुलिस की गिरफ्त में आने से सूबे की जनता ने कुछ राहत की सांस ली है। जमशेदपुर निवासी इस खतरनाक गैंगस्टर के खिलाफ 36 मामले लंबित हैं। जज, पुलिस, बिजनेसमैन हो या गैंगस्टर समाज का हर तबका इस वांटेड अपराधी के आतंक में जीता रहा है। बताया जाता है कि अखिलेश 50 से अधिक मामलों में वांटेड था और अभी भी अदालतों में इसके खिलाफ 36 मामले लंबित हैं। अखिलेश सिंह के आतंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को उसने खामोश कर दिया।
मुठभेड में घायल हुआ डॉन
गुरुग्राम के फ्लैट में अखिलेश सिंह अपने वाइफ के साथ सुशांत लोक के फ्लैट बी- 520 बी में छुपा हुआ था। जमशेदपुर पुलिस और गुरुग्राम क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट ऑपरेशन टीम को इस बात की सूचना मिली। जिसके बाद इस फ्लैट को चारों ओर से घेर लिया गया. इसके बाद अखिलेश सिंह ने पुलिस को देखते ही गोलियां चलानी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग शुरु की जिसमें अखिलेश सिंह घायल हो गया। पुलिस हिरासत में अखिलेश सिंह का गुरुग्राम स्थित सिविल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
कौन है डॉन अखिलेश सिंह
झारखंड में खौफ का दूसरा नाम था अखिलेश सिंह। 55 से अधिक आपराधिक वारदात को अंजाम देने का आरोप अखिलेश सिंह के दामन पर है। कहा जाता है कि जिसने अखिलेश का हुक्म मानने से इनकार किया समझो उसका खेल खत्म हो गया। विक्रम शर्मा की शार्गिदी में अपराध जगत की एबीसीडी सीखनेवाला अखिलेश सिंह एक बार जरायम की दुनिया में जो कूदा तो फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद एक वारदात को अंजाम देकर उसने न केवल पुलिस की नींद उड़ा दी बल्कि करोड़ों की प्रॉपर्टी भी खड़ी कर ली लेकिन घरवाले अब भी अपने बेटे को गुनहगार नहीं मानते हैं।
ये है अखिलेश के गुनाहों की लिस्ट
2
नवंबर
2007-
साकची
आम
बागान
के
पास
श्री
लेदर्स
के
मालिक
आशीष
डे
की
हत्या
15
मार्च
2008-
साकची
में
रवि
चौरसिया
पर
फायरिंग
20
मार्च
2008-
साकची
में
पूर्व
जज
आरपी
रवि
पर
फायरिंग
16
मई
2008-
साकची
में
श्रीलेदर्स
के
मालिक
आशीष
डे
के
घर
पर
फायरिंग
25
जुलाई
2008-
बिष्टुपुर
में
कांग्रेसी
नेता
नट्टू
झा
के
कार्यालय
पर
गोली
चली
17
अगस्त
2008-
बर्मामाइंस
में
अपराधी
परमजीत
सिंह
के
भाई
सत्येंद्र
सिंह
की
ससुराल
में
फायरिंग
28
अगस्त
2008-
साकची
में
ठेकेदार
रंजीत
सिंह
पर
फायरिंग
17
सितंबर
2008-
एमजीएम
अस्पताल
मोड़
पर
बंदी
परमजीत
सिंह
पर
फायरिंग
4
अक्टूबर
2008-बिष्टुपुर
में
बाग-ए-जमशेद
के
पास
टाटा
स्टील
के
सुरक्षा
अधिकारी
जयराम
सिंह
की
हत्या
2008-
बिष्टुपुर
में
कीनन
स्टेडियम
के
पास
ट्रांसपोर्टर
अशोक
शर्मा
की
हत्या