जम्मू: डिटेंशन सेंटर में रखे गए रोहिंग्याओं को रिहाई नहीं, SC ने कहा- कानूनी प्रक्रिया का पालन करे सरकार
जम्मू: रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर देशभर में लंबे वक्त से सियासत जारी है, लेकिन अभी तक उस पर कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया। बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं को जम्मू के एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया था, जिसको म्यांमार वापस भेजने की प्रक्रिया चल ही रही थी, तभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जहां गुरुवार को एक अहम फैसला आया। अब इसी आधार पर सरकार को रोहिंग्याओं पर आगे की कार्रवाई करनी पड़ेगी।
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दरअसल सलीमुल्लाह नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि जम्मू में करीब 170 रोहिंग्याओं को कैंप में रखा गया है। साथ ही उनको म्यांमार वापस भेजने की कोशिश की जा रही है। याचिकाकर्ता ने इस याचिका की मदद से उनकी रिहाई की मांग की। वहीं उनके वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने इस मामले में एक फैसला दिया था। जिसके तहत रोहिंग्याओं मुसलमानों को म्यांमार में खतरा है, ऐसे में उनको वहां पर भेजना गलत है।
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भूषण के मुताबिक म्यामांर में सेना का राज चल रहा है। जिस वजह से रोहिंग्या मारे जा रहे हैं। ऐसे वक्त में अगर भारत सरकार उन्हें भेजती है, तो इसे मानवाधिकार उल्लंघन माना जाएगा। इसके अलावा कैंप में रखे गए सभी रोहिंग्याओं के पास रिफ्यूजी कार्ड है, जिस वजह से उनको रिहा किया जाए। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि रोहिंग्याओं को रिहा नहीं किया जाएगा। साथ ही सरकार को निर्देश दिए कि कानून के तहत ही पूरी प्रक्रिया का पालन हो।