जम्मू कश्मीर: हिजबुल आतंकियों से DSP देवेंदर को मिली थी 12 लाख रुपए की रिश्वत
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार डीएसपी रैंक के ऑफिसर देवेंदर सिंह से सोमवार से पूछताछ शुरू कर दी है। देवेंदर को रविवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ पकड़ा गया है। देवेंदर के जिन दो टेररिस्ट्स के साथ पकड़ा गया है उसमें से एक पूर्व पुलिस कर्मी रह चुका है। नावीद के साथ एक और आतंकी अल्ताफ, देवेंदर के साथ पकड़े गए हैं। पिछले वर्ष राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस मेडल से सम्मानित देवेंदर को हाल ही में जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए राजूदतों के साथ आई एक फोटोग्राफ में भी देखा गया था।
रिश्वत भी नहीं कर सकी कोई मदद
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक देवेंदर सिंह ने हिजबुल आतंकियों को चंडीगढ़ तक पहुंचाने के लिए 12 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। सोमवार को देवेंदर को सस्पेंड कर दिया गया है और उसका ऑफिस भी सील हो गया है। फिलहाल वह श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी-हाइजैकिंग विंग के साथ है। साथ ही उसे अंडरकवर काउंटर-टेरर ऑपरेशंस से भी हटा दिया गया है। जांचकर्ताओं ने सोमवार को देवेंदर से काफी देर तक पूछताछ की। उससे आतंकियों को सुरक्षित चंडीगढ़ तक ले जाने से जुड़े मसले पर कई सवाल किए गए। देवेंदर ने पूछताछ में बताया कि वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के टॉप आतंकी रियाज नाइकू को ढेर करने की प्लानिंग पर काम कर रहा था। हालांकि वह अपने दावे को सही साबित करने के लिए कोई सुबूत पेश नहीं कर सका।
हिजबुल के टॉप आतंकियों के साथ देवेंदर
जो आतंकी देवेंदर सिंह के साथ थे, वे मामूली आतंकी नहीं हैं। हिजबुल आतंकी नावीद बाबा, संगठन में रियाज नाइकू के बाद दूसरे नंबर पर है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंक का नया नाम बन गया है। पिछले वर्ष अगस्त माह में जब जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया गया तो दूसरे राज्यों के ट्रक डाइवर्स और फलों की खेती करने वाले कुल 11 किसानों की हत्या हुईं। इन हत्याओं के पीछे नावीद ही था। जम्मू कश्मीर पुलिस का पूर्व कर्मी रह चुका नावीद, एक दर्जन से ज्यादा पुलिस वालों की हत्या में शामिल रहा है।
कौन हैं DIG गोयल जिन्होंने पकड़ा DSP को
देवेंदर को पकड़ने के लिए पूरा ऑपरेशन डीआईजी अतुल गोयल के देखरेख में चलाया गया था। अतुल गोयल के पास राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है। वह जम्मू कश्मीर कैडर के ही आईपीएस ऑफिसर हैं। पुलिस ने देवेंदर के साथ ही एक शोपियां के एक वकील को भी गिरफ्तार किया है और उसका नाम इरफान बताया जा रहा है। शुरुआती जांच के मुताबिक दोनों आतंकी सिंह के श्रीनगर के इंद्रा नगर स्थित घर में दो दिन तक रुके थे। शनिवार को जब सिंह की गाड़ी को जम्मू की तरफ जा रहे हाइवे पर रोका गया था तो उसने बताया था कि वह अपने कुछ फैमिली मेंबर्स के साथ जम्मू जा रहा है।
आर्मी हेडक्वार्ट्स के करीब घर
किस्मत ने सिंह का साथ नहीं दिया और सटीक इंटेलीजेंस पर उसे पकड़ लिया गया। पुलिस को इंटेलीजेंस मिली थी कि सिंह दो आतंकियों के साथ सफर कर रहा है। सिंह पिछले कई समय से जाड़े के मौसम में आतंकियों को अपने घर में पनाह देने का काम करते थे। इसके बदले उन्हें अच्छी-खासी रकम भी मिली थी। सिंह का घर सेना के श्रीनगर स्थित हेडक्वार्ट्स चिनार कोर के एकदम करीब है। सिंह से जुड़ी एक और बात सबको हैरान कर देती है कि वह पिछले कई समय से नॉर्थ से दक्षिण कश्मीर तक आतंकियों को नियमित तौर पर एस्कॉर्ट करने का काम कर रहे थे और यहां पर सेना का डिप्लॉयमेंट बहुत कम है।