जम्मू कश्मीर: हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की तीसरी बरसी, कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच इंटरनेट बंद
श्रीनगर। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की आज तीसरी बरसी है और कश्मीर घाटी को किले में तब्दील कर दिया गया है। कश्मीर घाटी के चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सर्विसेज बंद हैं और जगह जगह पर भारी सुरक्षाबल तैनात है। आठ जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में वानी को ढेर कर दिया था। वाली हिजबुल का कमांडर और पोस्टर ब्वॉय था। वानी की मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। चार माह तक कर्फ्यू लगा रहा और घाटी में शटडाउन रहा।
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विरोध प्रदर्शनों में मरे 100 से ज्यादा
तीन साल पहले वानी को सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग के बांबोदूरा गांव में ढेर किया था। उसकी मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए जिनमें 100 लोगों से ज्यादा की मौत हो गई थी। वानी के साथ दो और आतंकी उस एनकाउंटर में मारे गए थे। वानी हिजबुल का वह आतंकी था जिसे काफी टेक सेवी माना जाता था। उसने हिजबुल के कैडर्स के बीच मैसेज भेजने के लिए सोशल मीडिया का जमकर प्रयोग किया। वानी की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग के युवा आतंकी संगठनों से जुड़े थे।
दी गई आतंकी हमले की चेतावनी
सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से पहले ही पुलवामा में वानी के मौत के तीन साल होने पर आतंकी हमले की धमकी दी जा चुकी है। अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि घाटी में हाइलेवल सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। साथ ही संवदेनशील जगहों खासतौर पर दक्षिण कश्मीर में सोमवार को अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किया गया है। अलगाववादियों की तरफ से पहले ही आठ जुलाई को बंद की अपील की गई है। एक पुलिस अधिकारी की ओर से बताया गया है कि उन्हें अलर्ट रहने को कहा गया है। साथ ही कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिए हर तरह के विकल्प के प्रयोग का आदेश भी दिया गया है।
छह से आठ आतंकी पहुंचे कश्मीर
कुछ दिनों पहले जारी अलर्ट में कहा गया कि आतंकी पुलवामा के अवंतिपोरा में चेचकोट पर टोल प्लाजा से गुजरने वाले हाइवे से पुलवामाम के ग्लांदर में फोर वे ब्रिज तक की दूरी पर हमला कर सकते हैं। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि पाकिस्तान से आए आतंकियों का एक ग्रुप जिसमें छह से आठ आतंकी हैं, हाल ही पुलवामा पहुंचा है। इस आतंकी ग्रुप में एक स्नाइपर भी है और इसे सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
चार माह तक हुए थे प्रदर्शन
वानी की मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। चार माह तक कर्फ्यू लगा रहा और घाटी में शटडाउन रहा। पाकिस्तान ने वानी का फ्रीडम फाइटर बताते हुए उस पर एक पोस्टल स्टैंप भी सितंबर 2018 में जार की थी। पाक ने कहा था कि वानी कश्मीर में जारी भारतीय सेनाओं के अत्याचार का उदाहरण है। वानी पुलवामा के त्राल का रहने वाला था।