पाकिस्तान की गंदी चाल, कश्मीर के अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी को पाक दे रहा अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान
पाकिस्तान की गंदी चाल, कश्मीर केअलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी को पाक दे रहा अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान
नई दिल्ली। पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपने नापाक मंसूबों से बाज नहीं आ रहा है। अब भारत को नीचा दिखाने के लिए पाकिस्तान ने कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का फैसला किया है। मालूम हो कि गिलानी हुर्रियत का वो पुराना नेता है जो कश्मीर में अपने भारत विरोधी बयान देने के जाना जाता है।
पाकिस्तान की इसके पीछे ये है गंदी चाल
गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का प्रस्ताव पाकिस्तानी सीनेटर मुश्ताक अहमद ने लिया था, जिसे पाकिस्तान के सदन ने ध्वनिमत से पारित किया। पाकिस्तानी सीनेट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के खत्म होने की पहली वर्षगांठ पर पाक अधिकृत कश्मीर में बनी अपनी कथित विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाने को मंजूरी भी दी है। सूत्रों के अनुसार कश्मीर में गिलानी की अलगाववादी गतिविधियों के कारण ही पाकिस्तान ने उसे निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजने का फैसला किया है।
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गिलानी के नाम पर इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया
सोमवार को पाकिस्तान के उच्च सदन द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सरकार से अलगाववादी नेता और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए कहा गया। रिपोर्ट के अनुसार, Resolution ने गिलानी के जीवन की कहानी को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की। इसके अलावा गिलानी के नाम पर एक इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
गिलानी ने अलगाववादी संगठन हुर्रियत से दे चुके हैं इस्तीफा
बता
दें
गिलानी
ने
हाल
ही
में
कश्मीर
के
अलगाववादी
संगठन
हुर्रियत
से
इस्तीफा
दे
दिया
था।
एक
ऑडियो
संदेश
में,
जिलानी
ने
पिछले
महीने
अपने
इस्तीफे
के
संबंध
में
घोषणा
की
थी
और
कहा
था
कि
वह
हुर्रियत
सम्मेलन
से
खुद
को
दूर
कर
रहा
हूं।
90
वर्षीय
हार्डलाइनर,
जो
हुर्रियत
के
एक
जीवन
भर
के
सदस्य
थे,
ने
कहा
था
कि
"सदस्य
अब
अपने
भविष्य
के
पाठ्यक्रम
को
चुनने
के
लिए
स्वतंत्र
हैं"।
सैयद
अली
शाह
गिलानी
ने
ये
भी
कहा
था
कि,
"मौजूदा
स्थिति
के
मद्देनजर,
मैंने
सभी
दलों
हुर्रियत
कॉन्फ्रेंस
से
इस्तीफा
दे
दिया।
मैंने
फैसले
के
बारे
में
हुर्रियत
के
सभी
घटकों
को
सूचित
कर
दिया
है।"गिलानी
ने
भी
एक
कारण
के
रूप
में
कैडरों
द्वारा
"नेतृत्व
के
खिलाफ
विद्रोह"
का
हवाला
दिया।सबसे
प्रमुख
अलगाववादी
नेताओं
में
से
एक,
गिलानी
के
इस्तीफे
को
जम्मू
और
कश्मीर
की
राजनीति
में
एक
प्रमुख
विकास
के
रूप
में
देखा
गया
था।
गिलानी पर लग चुके हैं ये आरोप
पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पाने का प्रस्ताव सैयद अली शाह गिलानी द्वारा ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफे की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है। सैयद अली शाह गिलानी कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा के हालातों के लिए जिम्मेदार लोगों में प्रमुख रूप से नामजद रहा है। गिलानी के ऊपर साल 2016 में हुई कश्मीर हिंसा के बाद टेरर फंडिंग का आरोप भी लगा था। गिलानी की इन्हीं हरकतों को एक लंबे वक्त से कश्मीर के उसके घर में नजरबंद भी रखा गया है।
गिलानी के हुर्रियत से इस्तीफा को आईएसआई की चाल कहा गया था
गिलानी ने हुर्रियत से इस्तीफा देने के फैसले को आईएसआई की एक चाल भी कहा गया था, हालांकि हुर्रियत के कुछ करीबियों ने ये दावा भी किया था कि गिलानी ने अपने खराब स्वास्थ्य के कारण इस पद से इस्तीफा दिया है। गिलानी मूल रूप से बारामुला जिले के सोपोर टाउन का रहने वाला है।पाकिस्तान उसे ये अपने यहां का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर जहर घोलने की साजिश रच रहा है।
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