फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की जल्द रिहाई की प्रार्थना करता हूं: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए को खत्म किए जाने के बाद से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फारुकक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इन लोगों की जल्द रिहाई की कामना की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि इन लोगों को जल्द नजरबंदी से मुक्त किया जाएगा और ये लोग जम्मू कश्मीर के हालात को बेहतर करने में अपनी भूमिका निभाएंगे। बता दें कि पिछले वर्ष 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था, जिसके बाद जम्मू कश्मीर में दर्जनों नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था।
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नजरबंद हैं
हालांकि
अधिकतर
नेताओं
को
रिहा
कर
दिया
गया
था,
लेकिन
तीनों
ही
पूर्व
मुख्यमंत्रियों
को
अभी
तक
रिहा
नहीं
किया
गया
है।
फारुक
अब्दुल्ला
को
पब्लिक
सेफ्टी
एक्ट
के
तहत
पिछले
वर्ष
सितंबर
माह
में
नजरबंद
कर
दिया
गया
था।
वहीं
उमर
अब्दुल्ला
और
महबूबा
मुफ्ती
को
भी
हाल
ही
में
पीएसए
के
तहत
नजरबंद
किया
गया
है।
सरकार
का
कहना
है
कि
इन
लोगों
के
भड़काऊ
भाषण
की
वजह
से
उन्हें
नजरबंद
किया
गया
है।
इन
लोगों
ने
आर्टिकल
370
को
खत्म
किए
जाने
से
पहले
भड़काऊ
बयान
दिए
थे।
Supports
gov
सरकार का किया समर्थन
आईएनएस को दिए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर में शांति है। स्थित तेजी से बेहतर हो रही है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हालात बेहतर होने के साथ ही इन नेताओं को रिहा किया जाएगा। सरकार ने किसी का भी शोषण नहीं किया है। सरकार के फैसले का बचाव करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ कदम कश्मीर के हित को देखते हुए उठाए गए हैं, हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए। मैं भी प्रार्थना करता हूं कि ये लोग जल्द से जल्द बाहर आएं और कश्मीर के हालात को सुधारने में अपना योगदान दें।
बेटी ने बोला हमला
बता दें कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा था कि मैं पीएम मोदी का सम्मान करती हूं। लेकिन उनके फैसलों से ये पूछना ही पड़ता है कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है या वह जानबूझकर देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार कश्मीर पर बयान दे रहे हैं कि वहां सब ठीक है। मैं कहूंगी कि अमित शाह वहां जाएं और खुद देखें। इल्तिजा ने कहा कि आज कश्मीर के लोग महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे स्थानीय नेताओं से नाराज हैं लेकिन वे केंद्र सरकार से बहुत ज्यादा नाराज हैं।
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