अनंतनाग हमला: शहीद एसएचओ अरशद खान को सलामी देने आया चार साल का बेटा, एसएसपी की आंखें भी हुईं नम
श्रीनगर। बुधवार को अनंतनाग आतंकी हमले में घायल हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर अरशद अहमद खान ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। खान को श्रद्धांजलि देने की जो तस्वीरें आई हैं उन्हें देखकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। खान अनंतनाग में सदर पुलिस स्टेशन पर बतौर स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) तैनात थे। अनंतनाग में12 जून को आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के पांच जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के एसएचओ शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी मुश्ताक अहमद जरगर के आतंकी जगह अल-उमर मुजाहिद्दीन ने ली थी जो पाकिस्तान स्थित एक आतंकी संगठन है। यह हमला अनंतनाग की बिजी केपी रोड पर हुआ था।
सलामी देते समय हुईं आंखें नम
एसएचओ अरशद खान को सोमवार को श्रद्धांजलि दी गई। उनका चार वर्ष का बेटा भी अपने पिता को आखिरी बार सलाम करने आया था। श्रीनगर के एसएसपी डॉक्टर हसीब मुगल ने एसएचओ अरशद के बेटे को गोद में लिया हुआ था। उनकी आंखों से भी आंसू रुक नहीं पा रहे थे। खान के घर में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं जिसमें से एक बेटा एक वर्ष का है। 37 वर्षीय एसएचओ अरशद अहमद खान फौरन केपी रोड पहुंच गए और उस समय आतंकियों की ओर से फायरिंग जारी थी। इंस्पेक्टर खान जैसे ही अपनी सर्विस राइफल के साथ बुलेट प्रूफ गाड़ी से बाहर आए, आतंकियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। एक गोली उनकी सर्विस राइफल को छूती हुई उनके पेट में लग गई। खान, बुरी तरह से घायल हो गए थे और उन्हें श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस हॉस्पिटल लाया गया। उनकी हालत काफी नाजुक थी।
एयर एंबुलेंस से लाए गए थे दिल्ली
शनिवार को उन्हें श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के लिए रेफर किया गया था। रविवार को विशेष इलाज के लिए खान को एयर एंबुलेंस की मदद से दिल्ली स्थित एम्स लाया गया। दोपहर में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था और उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। खान के निधन के साथ ही अनंतनाग आतंकी हमले में शहीदों की संख्या पांच से बढ़कर छह हो गई है।
आतंकवाद में शहीद एक और बहादुर ऑफिसर
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एसएचओ खान के निधन पर दुख जताया है। अनंतनाग में पांच सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे तो एक नागरिक भी घायल हुआ था। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने आज एक विलक्षण ऑफिसर खो दिया है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, 'हमने पूरी कोशिश की कि ऑफिसर की जान बच जाए लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका और हमनें उन्हें खो दिया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के लिए आज का दिन बहुत ही दुखद है जिसने सीमा पार आतंकवाद में एक और बेटे को गंवा दिया है।'
लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे खान
एसएचओ खान की उनके सीनियर ऑफिसर्स काफी तारीफ करते थे। अनंतनाग हमले में उन्होंने जिस बहादुरी और तेजी का परिचय दिखाया, उसके बाद ऑफिसर्स उनकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। खान को उनके प्रोफेशनलिज्म के लिए जाना जाता था। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस समय उन्हें आर्मी अस्पताल लाया गया था करीब 70 लोग उनका हाल-चाल लेने के आए थे। पिछले कुछ वर्षों से खान की पोस्टिंग साउथ कश्मीर में ही थी।