जम्मू-कश्मीर पुलिस का दावा, शुजात बुखारी की हत्या पाकिस्तान के इशारे पर की गई
नई दिल्ली।द राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि उसने इस हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है और उसके पास इस मामले में पुख्ता सबूत हैं। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले को जून माह के अंत तक पूरी तरह से सुलझा लेगी। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि वह इस मामले को जून माह के अंत तक पूरी तरह से सुलझा देंगे।
पुख्ता सबूत मौजूद
शुजात बुखारी की हत्या के मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी का दावा है कि बुखारी की हत्या आतंकियों ने की है और उन्हें सीमा पार से ऐसा करने का निर्देश दिया गया था। माना जा रहा है कि यह निर्देश इसलिए दिया गया था क्योंकि बुखारी घाटी में शांति प्रक्रिया की बहाली के पक्ष में थे। बुखारी के इस प्रयास से अलगाववादी काफी नाखुश थे, यही नहीं सीमा के दोनों तरफ जमात ए इस्लामी के नेता नाखुश थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमारे पास इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और हत्यारों की पहचान कर ली गई है। पुलिस अब इस मामले में डिजिटल सबूत खंगालने में जुटी है।
जम्मू कश्मीर पुलिस करेगी फेसबुक पोस्ट की जांच
जम्मू कश्मीर की पुलिस ने 16 जून को फेसबुक पर किए गए पोस्ट का संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी है। 16 जून को फेसबुक पर पाकिस्तानी पत्रकार और एक्टिविस्ट इरशाद महमूद ने उर्दू में 16 जून को एक पोस्ट लिखी थी, वह बुखारी के करीबी मित्र भी थे। उन्होंने दुबई में हुई पीस कॉफ्रेंस में हिस्सा लिया था, इस पीस कॉफ्रेंस में हिस्सा लेना अलगाववादियों को नागवार गुजरा था। महमूद ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि बुखारी की सोच अलगाववादियों से अलग है।
शांति के पक्ष में नहीं आतंकी, अलगाववादी
आतंकवादी संगठन लश्कर के प्रवक्ता ने इस पीस कॉफ्रेंस में हिस्सा लेने वालों को गद्दार बताया था और उसने कहा था कि वह इन लोगों को सबक सिखाएगा। महमूद की पोस्ट में लिखा था कि बुखारी को इस बात का अंदाजा था कि उनकी जान को खतरा है। महमूद ने लिखा था कि शुजात लिखने और बोलने दोनों में काफी प्रभावशाली थे, जिसकी वजह से आतंकियों और अलगाववादियों का एक गुट उनसे काफी नाराज था, वह नहीं चाहते थे कि कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए कोई नया विचार सामने लाया जाए।
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