महबूबा मुफ्ती की पार्टी के सांसद की पीएम मोदी को चिट्ठी, कश्मीर के लिए की ये मांगें
नई दिल्ली। पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मंत्रियों के समूह को जम्मू कश्मीर भेजने की गुजारिश की है। अपनी चिट्ठी में नजीर अहमद ने पीएम को लिखा है कि आप मंत्रियों के एक समूह को कश्मीर भेजिये जो यहां घूमकर जमीनी हकीकत को समझें। जिससे कश्मीर के हालात में सुधार हो सके। साथ ही उन्होंने गिरफ्तार और नजरबंद नेताओं को भी रिहा करने की मांग की है।
नजीर अहमद ने पीएम मोदी से कश्मीर में मंत्रियों के एक समूह को भेजने का साथ-साथ इंटरनेट और टेलीफोन की सेवा को बहाल करने का भी आग्रह किया है। अहमद ने राज्य में पाबंदियों से लोगो की जिंदगी पर हो रहे नकारात्मकत असर की बात उठाते हुए इंटरनेट बहाल करने को कहा है। साथ ही उन्होंने पीएम से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से ही नजरबंद और गिरफ्तार नेताओं को रिहा करने की भी गुजारिश की है।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को संसद में बिल लाकर आर्टिकल 370 के निष्प्रभावी कर दिया था। जिससे जम्मू को मिला विशेष राज्या का दर्जा खत्म हो गया। इस बिल के तहत जम्मू कश्मीर को दो राज्यों में बांटा गया है। दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश हैं। जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश बना है और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाख में कोई विधानसभा भी नहीं होगी।
जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने वाले विधेयक के पेश होने के बाद नजीर अहमद ने राज्यसभा में भी जमकर हंगामा किया था। पीडीपी सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने सरकार के फैसले का संसद परिसर में कुर्ता फाड़कर विरोध किया था।
बता दें, सरकार ने 5 अगस्त से ही जम्मू कश्मीर में कई तरह की पाबंदियां लागू कर दी थीं। राज्य में अतिरिक्त सेना की तैनाती की गई है और ज्यादातर नेताओं को हिरासत में रखा गया है। हिरासत में लिए गए नेताओं में कई विधायक, सांसदों के साथ-साथ तीन पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हैं। टेलीफोन और इंटरनेट भी घाटी में 5 अगस्त के बाद नहीं है। बीच-बीच में कुछ छूट मिलती रही है लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण ही बने हुए हैं।
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