जम्मू कश्मीर: गांव में इकलौता हिंदू परिवार, शहीद की अंतिम यात्रा में पहुंचा पूरा गांव
श्रीनगर। इसी सप्ताह शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले से कुलवंत सिंह समेत दो पुलिसकर्मियों को संदिग्ध आतंकवादियों ने अगवा हत्या कर दी। घाटी में आतंकियों का शिकार बने 35 वर्षीय कुलवंत सिंह का परिवार अपने गांव में इकलौता हिंदू परिवार है। कुलवंत सिंह की मौत के बाद अगली सुबह उनके घर के आगे मुस्लिम लोगों का जमावड़ा था, जो अपने गांव के एक शख्स के खोने के दु:ख में शामिल होने पहुंचे थे।
इंडियन एक्सप्रेस की स्टोरी के मुताबिक, कुलवंत को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार सुबह सैकड़ों मुस्लिम लोग इकट्ठा हुए। उस दौरान मुस्लिम लोगों ने सिंह के भाई और उनके पिता के साथ मिलकर दाह संस्कार में हाथ बंटाने में मदद की।
वहीं, मुस्लिम महिलाएं भी सिंह की पत्नी और उनके दो बच्चों के साथ बैठी थी, जो उन्हें सांत्वाना दे रही थी। एक गांव वाले ने कहा, 'मैं बचपन से इस परिवार को जानता हूं। हम इस मौके पर इनको कैसे अकेला छोड़ सकते हैं।' सिंह के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए उसने अपने काम से भी छुट्टी ले रखी थी।
कुलवंत सिंह का का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह 10.30 बजे उनके गांव लाया गया था। बातूंद गांव के चीफ मोहम्मद युसूफ बाबा कहते हैं कि सिंह का परिवार इस गांव में करीब दो दशकों से रह रहा है। दिल्ली के पास फरीदाबाद में रह रहे कुलवंत सिंह के अंकल कहते हैं कि मेरे भाई का परिवार गांव कभी नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि उन्होंने वहां हमेशा सुरक्षित महसूस किया है।