कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज: महबूबा मुफ्ती और अब्दुल्ला के बीच 'गुपकर' बैठक, जानिए क्या है ये समझौता
कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज: महबूबा मुफ्ती और अब्दुल्ला के बीच 'गुपकर' बैठक, जानिए क्या है ये समझौता
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की रिहाई के बाद से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (National Conference president Farooq Abdulla) सहित कश्मीर के नेताओं में गुरुवार (15 अक्टूबर) को गुपकर समझौते (Gupkar Declaration) पर चर्चा होगी। 'गुपकर' मीटिंग में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत अन्य पार्टियों के नेता शामिल होंगे। 14 महीने तक हिरासत में रही मबबूबा मुफ्ती को मंगलवार को रिहा कर दिया गया है। अनुच्छेद 370 (article 370) हटने के बाद सरकार ने एहतियातन तौर पर कई नेताओं को नजरबंद किया था, जिसमें मबबूबा मुफ्ती भी थीं।
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Jammu and Kashmir: अनुच्छेद 370 हटने के बाद से सबसे बड़ी बैठक
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने और नेताओं की रिहाई के बाद ये 'गुपकर' मीटिंग पहली बड़ी बैठक होगी। बैठक में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालातों पर चर्चा होगी। ये बैठक नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई है, जिसमें उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन सहित वो सारे नेता शामिल होंगे, जिन्होंने चार अगस्त 2019 को साझा बयान जारी किया था।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, "मेरे पिता और मैंने महबूबा मुफ्ती साहिबा को रिहाई के बाद उनको बात करने के लिए बुलाया है। उन्होंने कहा कि पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने 'गुपकर' घोषणा पर हस्ताक्षरकर्ताओं की बैठक के लिए निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। अब्दुल्ला ने आज अपने घर पर गुपकर समझौते को लेकर बैठक बुलाई है।
गुपकर (Gupkar) समझौता क्या है?
गुपकर (Gupkar) अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ सियासी एकजुटता को लेकर एक साल पहले हुआ था। 4 अगस्त, 2019 को फारूक अब्दुल्ला के आवास पर श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं की बैठक हुई थी। इसी बैठक में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा के लिए लड़ने की प्रतिबद्धता जताई गई थी। जिसके बाद सभी नेताओं ने ''गुपकर समझौते'' पर हस्ताक्षर किए थे।
''गुपकर समझौते'' के तहत कहा गया था कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और विशेष दर्जे की रक्षा और बचाव के लिए हम सभी नेता संकल्पित हैं। नेताओं ने यह भी कहा था कि राज्य का बंटवारा कश्मीर और लद्दाख के लोगों के खिलाफ जुल्म है। इसे ही बाद में गुपकर समझौता का नाम दे दिया गया था। एक बार फिर इन्ही सब मुद्दों को लेकर गुरुवार 15 अक्टूबर 2020 को बैठक होने जा रही है।
रिहाई के बाद क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती
5 अगस्त 2019 को जब अनुच्छेद 370 हटाई राज्य में हटाई गई तो उसके बाद महबूबा मुफ्ती को भी बाकी अन्य नेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था। 14 महीने तक हिरासत में रही मबबूबा मुफ्ती ने रिहाई के बाद कहा, जो दिल्ली ने हमसे छीना है वो हम वापस लेंगे और काले दिन के काले इतिहास को मिटा देंगे।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सरकार ने एहतियात के तौर पर महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया था। जिसके बाद उन्हें एक-एक कर रिहा किया गया है।
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