बराक ओबामा के करीबी, पाकिस्तान में जन्में इस अमेरिकी सांसद को कश्मीर में नो एंट्री, जानिए क्या है वजह
नई दिल्ली। अमेरिकी सांसद क्रिस वैन होलेन को भारतीय अथॉरिटीज ने जम्मू कश्मीर में एंट्री देने से इनकार कर दिया गया है। होलेन ने दावा किया है कि जब उन्होंने श्रीनगर जाने की इच्छा जताई तो अथॉरिटीज ने उन्हें मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया गया। होलेन, मैरीलैंड से डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बहुत बड़े समर्थक हैं।
क्यों नहीं दी सरकार ने मंजूरी
सीनेटर होलेन ने कहा कि वह कश्मीर जाकर वहां की स्थिति देखना चाहते थे। वह देखना चाहते थे कि वहां पर क्या हो रहा है लेकिन भारत सरकार में से किसी ने भी उन्हें मंजूरी नहीं दी है। होलेने ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि भारत की सरकार ने उन्हें बताया है कि अभी कश्मीर जाने के लिए यह सही समय नहीं है। जब होलेन से पूछा गया कि उनके कश्मीर दौरे का क्या मकसद है तो उन्होंने जवाब दिया कि वह बस कश्मीर जाकर वहां की स्थिति को देखना चाहते थे।
भारत सरकार पर लगाए आरोप
होलेन ने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें कश्मीर में ,जहां पर हर तरह से कम्यूनिकेशन को ब्लॉक करके रखा गया गया है, क्या हो रहा है यह देखने नहीं देना चाहती है। होलेन ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत नजरिया है कि अगर भारत सरकार के पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं है तो फिर वह लोगों को राज्य का दौरा क्यों नहीं करने दे रही है। होलेन दूसरी ओर वॉशिंगटन पोस्ट के साथ बातचीत में कहा कि भारत और अमेरिका दो ऐसे लोकतांत्रिक देश हैं जिनके साझा हित हैं और यह एक ऐसा मौका है जहां पर पारदर्शिता बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय अथॉरिटीज की ओर से होलेन के दावे पर कोई बयान नहीं दिया गया है।
कराची में हुआ है जन्म
डेमोक्रेटिक पार्टी के होलेन का पूरा नाम क्रिस्टोफर जे वैन होलेन है और उनका जन्म 10 जनवरी 1959 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था। वह तीन जनवरी 2017 से मैरीलेंड के जूनियर सीनेटर के तौर पर थे। आठ बार अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य होलेन, ओबामा के बड़े समर्थक हैं। होलेन इस समय पार्टी के कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हैं। इससे पहले अमेरिका की विदेशी संबंधों पर बनी कमेटी ने भारत के खिलाफ कार्रवाई की है और यह कदम कश्मीर की वजह से उठाया गया है।
भारत के खिलाफ लेकर आए बिल
अमेरिका ने उस बिल को लेकर भारत पर कड़ा रुख जताया है जिसमें कश्मीर में प्रतिबंधों पर एक प्रस्ताव दिया गया था। इस बिल को भी होलेन की तरफ से ही लाया गया था। होलेन ने के मुताबिक कश्मीर में इस समय बड़ा मानवाधिकार संकट चल रहा है। बिल में भारत से कश्मीर में कम्यूनिकेशन बहाल करने के लिए कहा गया है।