'डोमिसाइल सर्टिफिकेट हासिल कर कश्मीर के नागरिक बन गए थे सतपाल निश्चल, इसलिए आतंकियों ने की हत्या'
सतपाल निश्चल पिछले करीब 50 साल से श्रीनगर में रह रहे थे और हाल ही में उन्होंने डोमिसाइल सर्टिफिकेट हासिल किया था।
नई दिल्ली। Jeweller shot dead by terrorists in Kashmir. जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में गुरुवार को आतंकवादियों ने जिस ज्वैलर की गोली मारकर हत्या की थी, उस मामले में अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 65 वर्षीय ज्वैलर सतपाल निश्चल ने हाल ही में जम्मू कश्मीर का मूल-निवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) हासिल किया था, जिसके बाद उन्हें वहां जमीन खरीदने का अधिकार मिल गया और इसी वजह से आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। सतपाल निश्चल पिछले करीब 50 साल से श्रीनगर में रह रहे थे। आतंकियों ने दहशत फैलाने के मकसद से दिन-दहाड़े सतपाल निश्चल की दुकान में ही उन्हें गोली मार दी।
पुलिस के मुताबिक, ज्वैलर सतपाल निश्चल की हत्या की जिम्मेदारी टीआरएफ नाम के आतंकी संगठन ने ली है। इस घटना के बाद आतंकी संगठन टीआरएफ ने धमकी देते हुए एक बयान जारी किया और कहा, 'ज्वैलर कश्मीर में बाहरी लोगों को बसाने की योजना का हिस्सा था, इसलिए उसकी हत्या की गई है। अगर कोई भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट हासिल करेगा, तो उसके साथ भी यही सलूक किया जाएगा।'
पंजाब
के
गुरदासपुर
का
रहने
वाले
थे
सतपाल
निश्चल
सतपाल
निश्चल
का
परिवार
मूल
रूप
से
पंजाब
के
गुरदासपुर
का
रहने
वाला
है,
लेकिन
पिछले
कई
दशकों
से
वे
श्रीनगर
में
रह
रहे
हैं।
परिवार
के
कई
सदस्य
सोने
की
ज्वैलरी
का
व्यापार
करते
हैं।
सतपाल
निश्चल
उस
वक्त
भी
शहर
छोड़कर
नहीं
गए,
जब
घाटी
में
आतंकियों
ने
दहशत
फैलाकर
बड़ी
संख्या
में
कश्मीरी
पंडितों
को
पलायन
के
लिए
मजबूर
किया।
सतपाल
निश्चल
की
मौत
के
बाद
पड़ोसियों
ने
बताया
कि
वो
उनके
लिए
किसी
बाहरी
नागरिक
जैसे
नहीं,
बल्कि
एक
भाई
की
तरह
थे।
वहीं
पुलिस
का
कहना
है
कि
वो
इस
मामले
की
जांच
कर
रहे
हैं
और
कुछ
लोगों
को
पकड़ा
भी
गया
है।
'अभी
तक
10
लाख
से
ज्यादा
डोमिसाइल
सर्टिफिकेट
जारी'
आपको
बता
दें
कि
केंद्र
सरकार
ने
पिछले
साल
जम्मू
कश्मीर
में
एक
नया
भूमि
कानून
लागू
किया
था,
जिसके
तहत
किसी
भी
राज्य
का
कोई
नागरिक
वहां
जमीन
खरीद
सकता
है।
सरकार
का
यह
कदम
अगस्त
2019
में
जम्मू
कश्मीर
में
खत्म
किए
गए
अनुच्छेद
370
का
हिस्सा
था।
अभी
तक
कश्मीर
घाटी
में
10
लाख
से
ज्यादा
लोगों
को
डोमिसाइल
सर्टिफिकेट
जारी
किए
जा
चुके
हैं,
जिनमें
ज्यादातर
स्थानीय
नागरिक
हैं।
हालांकि
कश्मीर
में
कितने
गैर-स्थानीय
लोगों
ने
डोमिसाइल
सर्टिफिकेट
हासिल
किया
है,
इसे
लेकर
सरकार
ने
अभी
तक
कोई
आंकड़ा
जारी
नहीं
किया
है।
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