जैश सरगना मसूद अजहर के रिश्तेदार इस्माइल लंबू ने बनाई थी पुलवामा को दहलाने की साजिश
श्रीनगर। 19 फरवरी 2019 को पुलवामा को आतंकी हमले से दहलाने वाला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद फिर से इसे दहलाने की कोशिशों में लग गया है। पिछले हफ्ते जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की चौकसी से फरवरी 2019 जैसे आत्मघाती हमला नाकाम हुआ। अब इस मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी की मानें तो इस बार पुलवामा के अयानगुंड में बड़े हमले की साजिश रची थी जैश सरगना मसूद अजहर के करीबी रिश्तेदार मोहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ लंबू ने।
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साल 2018 में घाटी आया था लंबू
लंबू घाटी में जैश का सरगना है और वह फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले में भी शामिल था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच अपने हाथों में लेने वाली है। इस्माइल लंबू घाटी में एजेंसियों का एक वांछित आतंकी है। इस्माइल लंबू को फौजी बाबा के नाम से भी जानते हैं और वह साल 2018 के अंत में घाटी आया था। उसने ही पुलवामा हमले के लिए मुदस्सर खान और मोहम्मद उमर फारूक की मदद की थी। फौजी बाबा ने ही पुलवामा आतंकी हमले के लिए विस्फोटक इकट्ठा करने में आतंकियों की मदद की थी। इस वर्ष जनवरी में सुरक्षाबलों ने कारी मुफ्ती यासिर को ढेर कर दिया था। इसके बाद फौजी बाबा को जैश का सरगना बनाया गया।
आईडी एक्सपर्ट है आतंकी इस्माइल
इस्माइल आईडी एक्सपर्ट है और उसने 14 फरवरी 2019 को हमलावरों की मदद की थी। उसकी मदद से ही आतंकी मारुति एको वैन में बम फिट कर पाए थे। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि उनके पास इस बात की इंटेलीजेंस थी कि इस्माइल लंबू पुलवामा जैसा कार हमला अंजाम देने की साजिश रच रहा है। उसने बम को सैंट्रो कार में रखा और सही समय पर इसका पता लगने की वजह से हमला टल गया। 28 मई को देर रात करीब 2:30 बजे पुलिस को एक ऐसी कार के बारे में इंटेल मिली थी कि विस्फोटकों से लदी एक कार इलाके की तरफ बढ़ रही है। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक जिस इलाके की तरफ यह सैंट्रो कार आ रही थी वहां पर सीआरपीएफ की 183वीं बटालियन के दो कैंप और एक कैंप सेना की राष्ट्रीय राइफल का है। माना जा रहा है कि जैश फरवरी 2019 में हुए हमलों की तर्ज पर यहां हमले के जरिए सुरक्षाबलों को कोरोना वायरस महामारी के बीच बड़ी चोट देने की फिराक में था।