Jammu Kashmir: यूएन में पाक को आईना दिखाने की तैयारी में भारत
]नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसके समर्थन में कूटनीतिक रणनीति बनाने में जुटा है और उसे इस प्रयास में काफी सफलता मिली है। यूएन ह्युमन राइट काउंसिल और यूएन जनरल असेंबली के सेशन से पहले भारत ने कई देश के नेताओं से मुलाकात की और जम्मू कश्मीर के लिए समर्थन हासिल किया। दरअसल कश्मीर मसले पर पाकिस्तान यहां अपना राग अलापने की तैयारी कर रहा है, लिहाजा भारत पाकिस्तान को दो टूक जवाब देने की पूरी तैयारी में जुटा है।
पाक कर रहा है मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण
पिछले दो हफ्तों में विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी को एक बार फिर से इस मिशन के बारे में अहम जानकारी दी गई है। साथ ही यूएनएचआरसी के सदस्यों को भी इस बात की पूरी जानकारी दी गई है कि आखिर जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाए जाने की क्या वजह है और कैसे इस मुद्दे का पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीयकरण कर रहा है। तमाम राजनयिकों को बताया गया है कि आर्टिकल 370 को हटाया जाना और इसे दो केंद्रशासित प्रदेश में बांटना भारत का आंतरिक मामला है, लिहाजा पाकिस्तान के पास इस मसले में हस्तक्षेप करना का कोई अधिकार नहीं है और उसे इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने का कोई हक नहीं है।
वरिष्ठ
अधिकारी
देंगे
पाक
को
जवाब
इस
मसले
को
लेकर
भारत
लगातार
तमाम
देशों
का
समर्थन
हासिल
करने
की
कोशिश
कर
रहा
है,
खासकर
कि
यूएनएचआरसी
के
सदस्यों
का
जहां
पाकिस्तान
इस
मसले
को
उठा
सकता
है
और
यहां
पर
मानवाधिकारों
के
हनन
का
आरोप
लगा
सकता
है।
पाकिस्तान
के
विदेश
मंत्री
शाह
महमूद
कुरैशी
10
सितंबर
को
यूएन
के
सेशन
को
संबोधित
कर
सकते
हैं।
पाक
को
जवाब
देने
की
तैयारी
के
लिए
भारत
ने
अजय
बिसारिया
को
यहां
पर
भेजा
है,
जोकि
इस्लमाबाद
में
बतौर
राजनयिक
तैनात
थे,
उन्हें
पिछले
महीने
पाकिस्तान
ने
बाहर
कर
दिया
था।
कोई
मंत्री
नहीं
देगा
पाक
का
जवाब
पाकिस्तान
के
विदेश
मंत्री
का
यूएन
में
जवाब
देने
के
लिए
भारत
किसी
भी
मंत्री
को
भेजने
पर
विचार
नहीं
कर
रहा
है।
यूएन
में
भारत
के
प्रतिनिधिमंडल
का
नेतृत्व
विदेश
मंत्रालय
के
वरिष्ठ
अधिकारी
ही
करेंगे।
एक
वरिष्ठ
अधिकारी
ने
बताया
कि
हम
पाकिस्तान
को
महत्ता
नहीं
देना
चाहते
हैं।
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
यूएनएचआरसी
में
पाकिस्तान
को
चीन
का
साथ
मिला
है।
बता
दें
कि
भारत
लगातार
यह
दावा
करता
आ
रहा
है
कि
कश्मीर
में
हालत
पूरी
तरह
से
सामान्य
हैं
और
यह
मसला
पूरी
तरह
से
देश
का
आंतरिक
मामला
है।
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