जम्मू कश्मीर: हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने अपनी पार्टी से दिया इस्तीफा
जम्मू कश्मीर। कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने सोमवार को तेहरीक-ए-हुर्रियत के चैयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह सीनियर हुर्रियत नेता मुहम्मद अशरफ सेहराई ने गिलानी की जगह ली है। जम्मू कश्मीर में अलगाववादी पार्टी तेहरीक-ए-हुर्रियत के प्रवक्ता ने कहा कि सैयद अली शाह गिलानी ने आज श्रीनगर में मीटिंग बुलाई और उन्होंने अपनी जगह मुहम्मद अशरफ सेहराई को चुना। बता दें कि गिलानी पर आतंकवादियों को फंडिंग करने का आरोप है।
पिछले 18 साल से पार्टी के अहम पद पर काबिज गिलानी कश्मीर में प्रमुख अलगाववादियों में से एक है, जो कई बार जम्मू कश्मीर के स्वायत्तता की मांग करते रहे हैं। गिलानी जम्मू कश्मीर के सोपोर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार (1972, 1977 और 1987) विधायक रह चुके हैं।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कई बार गिलानी पर घाटी में खूनखराबे के लिए जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। वहीं, उमर के पिता और पूर्व यूनियन मिनिस्टर फारूख अब्दुल्ला भी गिलानी से कश्मीरी लोगों को बचाने के लिए शांति का मार्ग अपनाने की अपील कर चुके हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के और पाकिस्तान से अलगाववादियों द्वारा पैसे लेने के मामले में नईम और नसीम से पूछताछ कर चुके हैं। वहीं, खुद गिलानी पर टेरर फंडिंग के आरोप लग चुके हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी) के शीर्ष सात नेताओं द्वारा आतंकियों की आर्थिक मदद करने के मामले की जांच कर रहा है। एनआईए ने हुर्रियत के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिवार की कथित 14 संपत्तियों को चिन्हित किया है। इन संपत्तियों की कीमत 100 से 150 करोड़ तक की बताई जा रही है।