जम्मू कश्मीर: 5 मिनट की छोटी सी मीटिंग, देविंदर ने LG से कहा, 'मैंने आतंकियों के लिए गोलियां खाईं, मुझे प्रमोशन दीजिए'
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस से बर्खास्त डीएसपी के मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। एनआईए ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वहीं, उससे जुड़ी एक और जानकारी जो सामने आ रही है। देविंदर सिंह ने अपने प्रमोशन के लिए जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर (एलजी) गिरीश चंद्र मुर्मू से कहा था कि वह सच्चा देशभक्त है और देश की सेवा के लिए वह प्रमोशन का अधिकारी है। आपको बता दें कि देविंदर को रविवार को उस समय पकड़ा गया जब वह हिजबुल मुलाहिद्दीन के दो वॉन्टेड आतंकियों को अपने साथ चंडीगढ़ लेकर जा रहा था। उसके साथ जो दो आतंकी पकड़े गए हैं उनके नाम नावीद बाबा और इरफान अल्ताफ हैं।
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खुद को प्रमोट करने के लिए रिक्वेस्ट
अखबार डेकेन क्रोनिकल की रिपोर्ट में उस वाकये की जानकारी दी गई है जब देविंदर की मुलाकात एयरपोर्ट पर एलजी से हुई और पांच मिनट की इस एक छोटी सी मीटिंग में ही देविंदर ने उन्हें प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। देविंदर श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी-हाइजैकिंग यूनिट में तैनात था। इसी दौरान देविंदर किसी तरह से एलजी के साथ कुछ देर बात करने में कामयाब हो गया था। देविंदर ने यहां पर उनके सामने खुद को एसपी की रैंक पर प्रमोट करने के तर्क को काफी मजबूती से पेश किया। एलजी भी उसकी बातों से प्रभावित हो गए और उसकी प्रमोशन की फाइल पर काम तेजी से शुरू हो गया। अगर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता तो फिर वह जल्द ही एसपी भी बन जाता।
दिसंबर में हुई थी LG से मीटिंग
डेकेन क्रोनिकल ने करीबी सूत्रों के हवाले से बताया है कि दिसंबर में जब एलजी श्रीनगर से दिल्ली से जा रहे थे, उसी समय देविंदर की मुलाकात उनसे हुई। देविंदर एयरपोर्ट पर खास लोगों को रिसीव करता था और फिर उन्हें प्लेन तक छोड़ने जाता था। यह सब उसकी ड्यूटी का हिस्सा था। देविंदर एलजी से वीआईपी लाउन्ज में मिला और अपना परिचय दिया। सिंह ने उन्हें बताया कि कैसे वह स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में शामिल होकर एंटी-टेरर ऑपरेशंस को लीड कर रहा था। मुस्कुराते हुए देविंदर ने एलजी को बताया कि कैसे उसने कई एंटी-टेरर ऑपरेशंस में अपनी जान की बाजी लगाकर आतंकियों को पकड़वाने में बड़ा रोल अदा किया है।
देश के लिए बिना डर किया काम
सिंह ने एलजी को यह भी बताया कि एक ऑपरेशन के दौरान एक आतंकी ने फायरिंग कर दी थी और फिर एक गोली ने उसके बांए पैर को निशाना बना दिया था। सिंह ने एलजी को उस गोली का घाव भी दिखाया था। डीएसपी ने उनसे कहा था, 'मैंने देश के लिए गोली खाई है और आतंकवाद का सामना करने के बाद भी बिना डरे देश के लिए काम किया है।' इसके बाद उसने आगे कहा, 'मैं पिछले 20 सालों से डीएसपी हूं और मेरा एसपी का प्रमोशन लंबे समय से अटका हुआ है।' सूत्रों की मानें तो यह सुनकर मुर्मू भी काफी प्रभावित हो गए थे। उन्होंने उसे भरोसा दिलाया था कि वह उसके मामले को देखेंगे। उनके स्टाफ की तरफ से भी सिंह के अनुरोध को नोट किया गया। पांच मिनट की इस मीटिंग में सिंह उन्हें एयरक्राफ्ट तक छोड़ने भी गया।
अब LG ने वापस लिया वीरता मेडल
कुछ दिनों बाद देविंदर सिंह की फाइल पर गृह विभाग ने काम करना शुरू कर दिया था। जब प्रशासन के टॉप अधिकारियों को इस बात का पता लगा तो वह हैरान रहे गए कि आखिर कैसे डीएसपी रैंक के ऑफिसर ने एलजी के साथ मुलाकात की होगी। उन्हें भी इस मीटिंग के बारे में बाद में पता चला था। 11 जनवरी को उसे जब कुलगाम से हिजबुल आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया तो उस समय तक उसकी फाइल आगे बढ़ चुकी थी। एलजी के ऑफिस की तरफ से उसके प्रमोशन को क्लीयरेंस दी गई थी, अब इसी ऑफिस की तरफ से सिंह का शेर-ए-कश्मीर पुलिस मेडल वापस ले लिया गया है। यह मेडल उसे बहादुरी के लिए दिया गया था।