कश्मीर: सत्यपाल मलिक ने सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा की, बकरीद और जुमे की नमाज पर दिए ये आदेश
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को एक समीक्षा बैठक की। राज्यपाल ने आर्टिकल 370 को लेकर संसद में हुए घटनाक्रम के बाद राज्य में मौजूदा सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। इसके अलावा जुमे की नमाज और अगले हफ्ते बकरीद की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई। इससे पहले डोभाल ने श्रीनगर के राजभवन में राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ईद के त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जाने को लेकर तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों ने राज्यपाल को बताया कि ईद के मौके पर जानवर खरीदने के लिए घाटी में विभिन्न जगहों पर मंडी बनाई जाएंगी। इसके अलावा राशन की दुकानों, मेडिकल स्टोर्स और खाने-पीने की जगहों को भी इस मौके पर खोलने को कहा गया है।
राज्यपाल ने घाटी में संबंधित जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने कर्मचारियों को अलग अलग इलाकों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नियुक्त करें, साथ ही उन्होंने आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।राज्यपाल ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर के जो छात्र दूसरे राज्यों में पढ़ रहे हैं और जो ईद मनाने के लिए घर लौटना चाहते हैं, उन्हें सुविधा मुहैया कराई जाएगी। राज्यपाल ने कहा है कि जो छात्र घर लौटने में असमर्थ हैं, उनके लिए उत्सव आयोजित करने के लिए प्रत्येक नामित अधिकारी को एक-एक लाख रुपये दिए जाएं।
J&K Raj Bhavan: Governor issues directions that students from J&K studying in other states who wish to return homes for Eid celebration may be facilitated; sanctions Rs 1 lakh each to designated Liaison officers for organising festivities for students who're unable to return home https://t.co/6F9w3bGncz
— ANI (@ANI) August 7, 2019
राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने राज्य से बाहर पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों के लिए टेलीफोन लाइनें शुरू करने के निर्देश दिए हैं। ताकि बाहर पढ़ रहे कश्मीरी छात्र ईद के त्योहार पर घर आने को लेकर अपने परिवारीजनों से बात कर सकें। इधर, जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाले विधेयक के संसद में पारित होने कुछ घंटों बाद वहां 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कुछ नेता और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शामिल हैं।
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