जम्मू-कश्मीर: आर्टिकल 370 हटाने के बाद हिरासत में लिए गए पांच और नेताओं को रिहा किया गया
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को को पांच नेताओं को रिहा किया है। ये नेता आर्टिकल 370 खत्म करने के केंद्र के फैसले के बाद 4 अगस्त को हिरासत में लिए गए थे। अब करीब छह महीने बाद इनकी रिहाई हुई है। रिहा हुए नेताओं में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के निजामुद्दीन भट और मुख्तियार बाबा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के शौकत गनी, अल्ताफ कालू, सलमान सागर हैं।
इससे पहले 30 दिसंबर को प्रशासन ने पांच पूर्व विधायकों को रिहा किया था। तब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो-दो और एक पूर्व निर्दलीय विधायक को रिहा किया गया था।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने का ऐलान किया था। सरकार ने राज्य से आर्टिकल 370 खत्म कर इसे दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने का फैसला किया था। फैसले के ऐलान से पहले ही राज्य के (भाजपा के ज्यादातर नेताओं को छोड़कर), खासतौर से घाटी में प्रभाव रखने वाली सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था।
नेताओं के अलावा कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार नेताओं में तीन पूर्व मुख्यमंत्री, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक और उमर अब्दुल्ला, और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। इसके अलावा दर्जनों पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक नेता कार्यकर्ताओं को 5 अगस्त, 2019 से हिरासत में रखा गया है। कुछ नेताओं को रिहा कर दिया गया है लेकिन तीनों पूर्व सीएम और दूसरे नेताओं की रिहाई को लेकर अभी सरकार और राज्य प्रशासन ने कुछ नहीं कहा है।
बता दें कि 5 अगस्त के बाद से कश्मीर में संचार के साधनों पर भी भारी पाबंदियां हैं। उस समय तो फोन और इंटनेट पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। हालांकि बाद में लैंडलाइन और कुछ मोबाइल सेवाएं शुरू कर दिए गए हैं। कुछ ही समय पहले एसएमएस की सुविधा कुछ नेटवर्क पर शुरू हो गई है। इंटरनेट अभी भी कश्मीर में पूरी तरह से बंद है।
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