आज से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहला जत्था रवाना, राज्यपाल ने कही बड़ी बात
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आज अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना कर दिया गया। अमरनाथ यात्रियों के जत्थे को बालटाल बेस कैंप से रवाना किया गया है, यहां से तमाम श्रद्धालू अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए रवाना हुए हैं। अमरनाथ यात्रियों को कड़ी सुरक्षा के बीच बालाल बेस कैंप से रवाना किया गया है। इस पूरे रूट पर चप्पे-चप्पे पर सेना और पुलिस के जवान तैनात हैं, जिससे कि श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित पूरा कराया जा सके। इस जत्थे में कुल 1617 श्ररद्धालू शामिल हैं। जिसमे 1174 पुरुष, 379 महिलाएं और 15 बच्च् शामिल हैं। साथ ही 49 संतों ने भी बालटाल से यात्रा सुररू कीहै। इसके साथ ही 2800 श्रद्धालू जिसमे 2321 पुरुष, 463 महिलाएं, 16 बच्चों ने भी पहलगाम में अपनी यात्रा शूरू की है।
मुस्लिम भाईयों की मदद से यह यात्रा
यात्रा के शुरू होने से पहले जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बताया कि हम अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रहे हैं लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि यह यात्रा सुरक्षाकर्मियों, पुलिस या सेना के जवानों द्वारा नहीं कराई जाती है। कई वर्षों से यह यात्रा कश्मीर के लोग करा रहे हैं, खासकर कि हमारे मुस्लिम भाई इस यात्रा को कराते हैं, उनकी मदद से ही इस यात्रा को कराया जाता है।
रविवार को भी निकला जत्था
इससे पहले अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का एक जत्था रविवार की सुबह रवाना किया गया। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार केके शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर यात्रियों को रवाना किया गया, यह जत्था भगवंत नगरग में जम्मू के बेस कैंप से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रवाना किया गया है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए देशभर के अलग-अलग हिस्सों से लोग आए थे, यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
कड़ी सुरक्षा
आपको बता दें कि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु 3880 मीटर की पैदल यात्रा करेंगे। इस दौरान इस पूरे रास्ते में सीआरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। इस साल की वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त को समाप्त होगी, अभी हाल में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के बाद अपने दो दिन का जम्मू कश्मीर दौरा शुरू किया था। बताते चलें कि अमरनाथ गुफा दक्षिण कश्मीर के हिमालयवर्ती क्षेत्र में है। यह श्रीनगर से लगभग 141 किमी. की दूरी पर 3,888 मीटर (12,756 फुट) की ऊंचाई पर स्थित है। इस तीर्थ स्थल पर पहलगाम और बालटाल मार्गों से पहुंचा जा सकता है।