बीजेपी में शामिल हुए सेना के शहीद जवान औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ, पीएम मोदी ने किया स्वागत
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सांबा। इंडियन आर्मी के शहीद जवान, औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ रविवार को बीजेपी सरकार में शामिल हो गए। सांबा में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली थी और इसी रैली में मोहम्मद हनीफ पार्टी का हिस्सा बने। शहीद औरंगजेब की आतंकियों ने जून 2018 में उस समय बेदर्दी से हत्या कर दी थी, जब वह ईद की छुट्टियों के लिए घर जा रहे थे। आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में इस घटना को अंजाम दिया था।
पूर्व आर्मी ऑफिसर भी बने सेना का हिस्सा
औरंगजेब सेना में राइफलमैन के पद थे और राजौरी के रहने वाले थे। उनके साथ पूर्व आर्मी ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कुमार शर्मा भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। हनीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा के साथ पीएम मोदी को अपने शहीद बेटे का एक पोट्रेट भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा। पीएम मोदी ने भी मोहम्मद हनीफ का पार्टी में स्वागत किया। औरंगजेब 44 राष्ट्रीय राइफल्स के साथ थे। पिछले वर्ष 14 जून को वह ईद मनाने अपने घर जा रहे थे कि तभी पुलवामा में आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था। इसके बाद अगले दिन गोलियों से छलनी शव पुलिस और सेना को मिला था। औरंगजेब को पिछले वर्ष 15 अगस्त पर मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
गरीबों के लिए बनी नीतियों से प्रभावित
बीजेपी में शामिल होने के बाद मोहम्मद हनीफ ने कहा, 'मैंने गरीबों के हित में बनी बीजेपी की नीतियों को देखते हुए इसमें शामिल होने का फैसला किया।' उनका कहना था कि आज गरीबों के लिए जिस तरह से बीजेपी सोचती है, उस तरह से पूर्व में किसी भी सरकार ने नहीं सोचा है। औरंगजेब के शहीद होने के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने उनके घर का दौरा किया था। दोनों ने उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर की थीं। इससे पहले बीजेपी के रविंदर रैना ने इस बात की जानकारी दी थी कि मोहम्मद हनीफ और लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि उनके फैसले का पार्टी ने स्वागत किया है।
सेना से रिटायर हैं मोहम्मद हनीफ
औरंगजेब का परिवार कई वर्षो से सेना के साथ जुड़ा हुआ है। उनके पिता सेना से रिटायर हैं तो उनके चाचा की मौत आतंकियों से लड़ते हुए साल 2004 में हो गई थी। उनके भाई भी सेना में हैं। औरंगजेब का पूरे सम्मान के साथ शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया।औरंगजेब के सिर और गले में गोली मारी गई थी।
कौन थे औरंगजेब
औरंगजेब सेना की उस टीम में शामिल थे जिसने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी समीर टाइगर को मारने में कामयाबी हासिल की थी। औरंगजेब अपनी ड्यूटी पूरी करके लौट रहे थे कि तभी हथियारों से लैस आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था। वह एक बस में थी जो उनके घर जा रही थी और इसी समय उनका अपहरण किया गया था। अपहरण के बाद औरंगजेब की मां ने आतंकियों ने अपील की थी कि वे उन्हें रिहा कर दें क्योंकि उनका बेटा उनके साथ ईद मनाने घर आ रहा था। वह उनके साथ ईद मनाना चाहती हैं।