जम्मू कश्मीरः कुलगाम मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने सभी आतंकियों को मार गिराया, दो जवान भी घायल
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में खुर बट पूरा के पास सुरक्षाबलों ने वहां छिपे चारों आतंकवादियों को भीषण मुठभेड़ में मार गिराया है। इस मुठभेड़ में सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं। मारे गए चारों आतंकवादी स्थानीय बताए जा रहे हैं। इनमें से तीन की तो पहचान कर ली गई है जबकि एक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। ये चारों आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन संगठन से थे।वहीं घायल जवानों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
अधिकारियों के अनुसार ये आतंकी बीते एक पखवाड़े के दौरान कुलगाम में हुई चार नागरिकों की हत्या में शामिल थे। मारे गए चार आतंकवादियों में से तीन पहचान शाहिद अहमद निवासी पांबाई, आदिल ठोकर निवासी खुल और एजाज नायकू निवासी चिमर के रूप में हुई है। ये तीनों कुलगाम जिले के ही रहने वाले हैं। चौथे आतंकी की पहचान अभी नहीं हो पाई है। सेना ने आपरेशन समाप्त कर चारों आतंकियों के शवों व उनसे बरामद हथियारों को अपने कब्जे में ले लिया है।
A Hizbul Mujahideen group of 3/4 terrorists was killing civilians over the last 12 days. 4 civilians were killed by them in South Kashmir. An operation was launched in Kulgam this morning by security forces in which 3 (2 of 3 in pic) of them have been neutralized: J&K Police pic.twitter.com/0IVNyvrUdL
— ANI (@ANI) April 4, 2020
इन
आतंकियों
ने
की
थी
तीन
नागरिकों
की
हत्या
पुलिस
के
एक
प्रवक्ता
ने
बताया
कि
सुरक्षाबलों
को
कुलगाम
के
हरमंद
गुरी
गांव
में
आतंकवादियों
की
मौजूदगी
की
खुफिया
जानकारी
मिली
जिसके
बाद
बलों
ने
इलाके
को
घेर
लिया
और
तलाश
अभियान
शुरू
किया।
प्रवक्ता
ने
कहा,
'पुलिस
को
मिली
विश्वसनीय
जानकारी
के
आधार
पर
आज
सुबह
अभियान
शुरू
किया
गया।
ऐसा
बताया
जा
रहा
है
कि
अभी
तक
दो
आतंकवादी
मारे
गए
हैं।'
इससे
पहले
पुलिस
ने
ट्वीट
किया
था
कि
घेरेबंदी
में
तीन
आतंकवादी
फंसे
हुए
हैं।
पुलिस
ने
कहा
था,
'ये
उन्हीं
आतंकवादियों
का
समूह
है
जिसने
हाल
में
तीन
आम
नागरिकों
की
हत्या
की
थी।'
15 मार्च को भी हुई थी मुठभेड़
इससे पहले अनंतनाग में 15 मार्च को भी सुरक्षाबलों और आतंकियों में मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकी हिज्बुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे। इस मुठभेड़ में हिज्बुल कमांडर तारीक अहमद भी मारा गया था।