जम्मू कश्मीर: 15 देशों के राजदूतों ने दूसरे दिन की कश्मीरी पंडितों से मुलाकात
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए 15 देशों के राजदूतों ने दूसरे दिन कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। जम्मू जिले में हुई इस मुलाकात में उन्हें प्रतिनिधिमंडल से बात की और कई मुद्दों के बारे में जानने की कोशिश की। गुरुवार को राजदूतों का एक समूह जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर गया था। अगस्त में राज्य से आर्टिकल 370 हटने के बाद यह पहला प्रतिनिधिमंडल था जो घाटी पहुंचा था। इस दौरे का सारा इंतजाम सरकार की तरफ से किया गया था और विदेश मंत्रालय के सीनियर ऑफिसर्स प्रतिनिधिमंडल के साथ थे।
घाटी में नजर आया सकारात्मक माहौल
इस मौके पर वियतनाम के राजदूत फैम सान्ह छाऊ ने कहा है कि उन्हें घाटी के लोगों की जिंदगी में सामान्यता नजर आती है जो कि एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्होंने घाटी में अलग-अलग संगठनों के लोगों से मुलाकात की और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश की। छाऊ की मानें तो घाटी के लोग वर्तमान हालातों से काफी खुश नजर आ रहे हैं। वियतनाम के राजदूत ने आगे कहा कि जो लोग भी घाटी के दौरे पर आए हैं वे सभी न तो सच तलाशने वाला कोई प्रतिनिधिमंडल है और न ही इंटरनेशनल कोर्ट के जज हैं। सभी सिर्फ अपनी इच्छा से आर्टिकल 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर के हालातों को परखने आए हैं। वियतनाम के राजदूत की मानें तो उन्होंने जब लोगों से बात की तो उनके चेहरे पर खुशी नजर आई।
#JammuAndKashmir: Delegation of 15 foreign envoys meets representatives of Kashmiri Pandits at Jagti Migrant Township in Jammu pic.twitter.com/db0OFBCM94
— ANI (@ANI) January 10, 2020
गुरुवार को पहुंचे थे राजदूत
गुरुवार को जब ये राजदूतों जम्म कश्मीर पहुंचे थे तो इनकी पहली मुलाकात सुरक्षा अधिकारियों से हुई थी। इसका मकसद था कि वे घाटी की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जान सकें और शांति व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए आतंकवाद के खतरे से कैसे निबटा जाए, इसके बारे में जान सकें। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि सरकार, अपनी इस कोशिश के जरिए घाटी की स्थिति को सामान्य करने के लिए हो रहे प्रयासों की एक झलक दिखाना चाहती थी। इस ग्रुप ने श्रीनगर में कुछ पंचायत सदस्यों से मुलाकात की। इसके अलावा वे स्थानीय निकाय और एनजीओ के लोगों से भी मिले। जो प्रतिनिधि इन राजदूतों से मिले, उन्होंने बताया कि शुरुआत में कुछ दिक्कतें जरूर थीं मगर व्यवस्था कायम रखने के लिए जरूरी थीं। जम्मू कश्मीर पहुंचे इस ग्रुप में अमेरिका, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, वियतनाम, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, फिलीपींस, पेरु, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गुएना के राजदूत शामिल थे।