जम्मू-कश्मीर में नहीं टाले जाएंगे पंचायत चुनाव, तय समय पर ही होंगे: मुख्य सचिव
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के दो बड़े राजनीतिक दलों के पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि स्थानीय चुनाव जनवरी तक के लिए टाले जा सकते हैं। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, पंचायत चुनाव को जनवरी तक के लिए टाले जाने के कयास लगाए जा रहे थे। वहीं जम्मू-कश्मीर के प्रिसिंपल सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमन्यम का बयान भी आया है जिन्होंने इन रिपोर्ट्स को खारिज किया है।
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मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमन्यम ने स्थानीय चुनावों को स्थगित करने के बारे में चल रही खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि चुनाव की तारीख में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और ये चुनाव तय समय पर ही होंगे। दरअसल, इस प्रकार की अटकलें तब तेज हो गई थीं जब आर्टिकल 35ए और 370 को लेकर पीडीपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस ने स्थानीय चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। राज्य की दो बड़ी पार्टियों द्वारा चुनावों के बहिष्कार के बाद ही तरह-तरह की खबरें आने लगी थी। राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव अक्टूबर के पहले हफ्ते में तो वहीं पंचायत चुनाव दिसंबर में होने हैं।
पीडीपी-NC ने किया है बहिष्कार करने का ऐलान
इसके पहले, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि धारा 35ए की वजह से उनकी पार्टी राज्य के पंचायत चुनावों का हिस्सा नहीं होगी। महबूबा ने कहा कि 35ए को बचाने के लिए हम किसी भी सीमा तक जाएंगे। राज्य के लोगों ने काफी बलिदान दिया है और कोई भी धारा 35ए की वैधता के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता है। वहीं, फारूख अब्दुल्ला ने भी कहा था कि केंद्र सरकार ने अगर आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 पर अपना रुख साफ नहीं किया तो वो पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे।
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