Article 370: कश्मीर में बंद पड़े 50,000 मंदिरों को खोलने की तैयारी, स्कूलों का भी होगा सर्वे
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श्रीनगर। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया है। अब इस राज्य का विशेष दर्जा खत्म हो चुका है और राज्य के पुर्नगठन की तैयारी चल रही है। इन्हीं तैयारियों के तहत केंद्र सरकार घाटी में वर्षों से बंद पड़े मंदिरों का सर्वे कराने जा रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी की ओर से सोमवार को जानकारी दी गई है कि सरकार इन मंदिरों का सर्वे करा रही है। इस सर्वे के बाद घाटी के करीब 50,000 मंदिरों को फिर से खोला जाएगा।
कश्मीरी पंडितों के लिए अहम मंदिर
किशन रेड्डी ने एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए कहा कहा, 'हमने कश्मीर घाटी में बंद पड़े स्कूलों और मंदिरों के सर्वे के लिए एक कमेटी बनाई है। इन मंदिरों को दोबारा खोला जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में करीब 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं, जिनमें से कुछ नष्ट हो गए तो कुछ में मूर्तियां टूटी हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे का आदेश दिया है। ' गौरतलब है कि 90 के दशक में घाटी में जब आतंकवाद ने सिर उठाना शुरू किया तो कश्मीरी पंडितों को घाटी से जाना पड़ा।
कई मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराने
आतंकियों ने बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया था और तमाम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। पंडितों के पलायन के बाद घाटी में कई मंदिर बंद हो गए। इनमें से तो कई मंदिर ऐसे हैं जो कश्मीरी पंडितों के बीच खासे लोकप्रिय हैं और दक्षिण कश्मीर के शोपियां में भगवान विष्णु का मंदिर इसी तरह का एक मंदिर है। इसी तरह से पहलगाम में भगवान शिव का एक बहुत पुराना मंदिर है और यह मंदिर भी बंद पड़ा हुआ है।
पाकिस्तान को दी चेतावनी
जी किशन रेड्डी ने रविवार को पाकिस्तान को वॉर्निंग दी और कहा कि अगर उसने भारत के साथ युद्ध किया तो दुनिया के नक्शे से उसका नामों-निशान ही खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने पीओके को हासिल करने की बात पर भी जोर दिया। गृह राज्यमंत्री के मुताबिक आर्टिकल 370 की वजह से घाटी में आतंकवाद ने सिर उठाया। रेड्डी ने इस तरफ भी ध्यान दिया कि पाक ने भारत के साथ सन् 1947, 1965, 1971 और 1999 में युद्ध किया है लेकिन उसे हर बार हार का मुंह देखना पड़ा है।
70 सालों से खून-खराबा
रेड्डी ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में 90 के दशक में जब आतंकवाद ने सिर उठाना शुरू किया तब से लेकर अब तक करीब 42,000 लोग मारे जा चुके हैं। साथ ही राज्य में गरीबी,बेरोजगारी, आतंकवाद, खून-खराबा और हिंसा का न थमने वाला दौर चला है। करीब 65,000 आतंकी वारदातें हुई हैं और 35,000 एके-47 राइफलों को जब्त किया गया है। राज्य में न शिक्षा है और न ही किसी प्रकार का कोई आरक्षण मिला है।