जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नजरबंद किए गए नेताओं को छोड़ा, उनके बयानों को किया जाएगा मॉनिटर
नई दिल्लीः अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के बाद नजरबंद किए गए जम्मू के लगभग सभी नेताओं को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हिरासत से आजाद कर दिया है। जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान को खत्म करने के फैसले से पहले प्रशासन ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था। जानकारी के मुताबिक नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के लगभग सभी नेताओं को हिरासत से आजाद कर दिया गया है।
हालांकि अभी भी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन और दूसरे कई नेताओं को अभी भी नजरबंद ही रखा गया है। आजाद हुए नेताओं में नेशनल कांफ्रेंस के नेता देवेंद्र राणा और एसएस सलाठिया, कांग्रेस के रमन भल्ला और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह भी शामिल हैं।
पैंथर पार्टी के नेता हर्ष देव सिंह न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि 'मुझे 5 अगस्त को रमन भल्ला, देवेंद्र राण, एसएस सलाठिया और जावेद राणा के साथ हिरासत में लिया गया था। मुझे मेरे घर पर ही हिरासत में रखा गया। पूरे 58 दिन के बाद हमें जाने की अनुमति मिली है।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 'हमें बताया गया है कि हमारे बयानों को मॉनिटर किया जाएगा।'
जम्मू-कश्मीर प्रशासन और बीजेपी के प्रमुख नेताओं ने नजरबंदी के फैसले का समर्थन किया। हाल ही में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि 18 महीनों से अधिक समय तक किसी भी नेता को हिरासत में नहीं रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि जिन नेताओं को हिरासत में रखा गया है वे नजरबंद नहीं है, बल्कि उन्हें मेहमानों की तरह सुविधा दी जा रही है। उन्हें वीआईपी बंगलों में रखा गया। जिम की भी सुविधा दी गई है।
वहीं बीजेपी नेता राम माधव ने कहा था कि कश्मीर में हिरासत में लिए गए लगभग 200 से 250 नेताओं को फाइव स्टार सुविधाएं मिल रही हैं। राम माधव ने कहा कि शुरुआत में करीब दो से ढाई हजार लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया था लेकिन बाद में संख्या घटाकर 200 से 250 कर दी गई। उन्होंने कहा कि दो महीने से कश्मीर में शांति है अब आप समझ सकते हैं कि कश्मीरी क्या चाहते हैं और ये 200 से 250 लोग क्या चाहते हैं।
यह भी पढ़ेंः भारत एक हिंदू राष्ट्र, हम हर किसी को हिंदू मानते हैं: मोहन भागवत