J&K: उग्र भीड़ ने नहीं करने दिया कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार, अधजली लाश लेकर भागे घरवाले
नई दिल्ली। तमाम कोशिशों के बावजूद भारत में कोरोना के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना के 62 लाख मरीज हैं, जो इस वायरस की चपेट में हैं, तो वहीं भारत में मंगलवार को आठ हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए जबकि दो सौ से ज्यादा लोगों की जान भी चली गई। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा दो लाख के करीब पहुंच गया है जबकि संक्रमण से साढ़े पांच हजार से अधिक मौतें हुई हैं। महाराष्ट्र में कोरोना की तबाही जारी है। राज्य में मंगलवार को 103 लोगों की संक्रमण से जान चली गई।
तो वहीं कोरोनाा के मरीजों के साथ देश में कुछ स्थानों पर बुरा व्यवहार भी हुआ है, हद तो तब हो गई जब कुछ क्रूर लोगों ने कोरोना के कारण हुए मरीज के अंतिम संस्कार पर हंगामा खड़ा कर दिया, ऐसी इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है जम्मू-कश्मीर के डोडो से, जहां कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से मरे व्यक्ति के दाह संस्कार के वक्त भीड़ ने हमला कर दिया जिसके बाद परिजनों को चिता पर से अधजली लाश लेकर वहां से भागना पड़ा, बाद में प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दूसरे स्थान पर नियमों के अनुसार शव का दाह संस्कार कराया गया।
कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार में भीड़ का हमला
आपको बता दें कि डोडो जिले के रहने वाले 72 वर्षीय व्यक्ति की सोमवार को जम्मू स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में कोविड-19 की वजह से मौत हुई थी, इस बारे में बात करते हुए मृतक के बेटे ने कहा कि मैं अपने पिता का अंतिम संस्कार करवा रहा था, डोमना इलाके की शमशान भूमि में ये कार्य हो रहा था, उस वक्त मेरे साथ मेरे परिवार वाले और एक राजस्व अधिकारी और चिकित्सीय टीम साथ थी, जैसे ही मैंने अपने पिता को मुखाग्नि दी, वैसे ही वहां स्थानीय कुछ लोग आ गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे और हम पर पथराव करने लगे, तब हमें अधजली लाश को एंबुलेस में रख कर वहां से भागना पड़ा।
मृतक के बेटे ने कहा-मौके से अधिकारी हो गया था गायब
बेटे ने कहा कि हम अपने पिता का अंतिम संस्कार अपने गृह जिले में करना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने कहा कि जहां पर कोरोना मरीज की मृत्यु हुई है, संस्कार वहीं पर होगा, अंतिम संस्कार की समुचित व्यवस्था की जाएगी और दाह संस्कार में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी, हमें अधिकारियों की बात मान ली लेकिन अंतिम संस्कार के वक्त हंगामा हो गया और हमें खुद की जान बचाते हुए अधजली लाश को लेकर भागना पड़ा, उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर दो पुलिसकर्मी थे लेकिन उग्र भीड़ के खिलाफ कार्रवाई करने में वे नाकाम रहे, वहीं उनके साथ मौजूद राजस्व अधिकारी गायब हो गया लेकिन एंबुलेंस चालक और अस्पताल के कर्मचारियों ने हमारी बहुत मदद की और लाश के साथ हमें अस्पताल ले गए और उसके बाद शव का दाह संस्कार करवाया, ये बहुत असहनीय है, मैं सरकार से अपील करता हूं कि वो इन सारी बातों को गंभीरता से ले और कोरोनावायरस से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए समुचित व्यवस्था करे।