जम्मू कश्मीर और लेह में नए कमांडर्स की नियुक्ति के साथ सेना हर चुनौती के लिए रेडी
नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने लेह स्थित 14 कोर की कमान संभाल ली है। ले. जनरल के अलावा मंगलवार को जम्मू के नगरोटा स्थित व्हाइट नाइट कोर (16 कमान) ने भी नए कमांडर के तौर पर ले. जनरल एमवी सुचींद्र कुमार का स्वागत किया। सेना में यह बड़े बदलाव ऐसे समय पर हुए हैं जब एक तरफ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की तरफ से आए दिन युद्धविराम का उल्लंघन हो रहा है तो दूसरी तरफ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की आक्रामकता में कोई कमी नहीं आ रही है। नेतृत्व में परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है जब सेना की तरफ से कहा जा चुका है कि वह चीन और पाक की तरफ से पैदा दोहरे खतरे से निबटने में सक्षम है।
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14 कोर के बॉस ले. जनरल मेनन
ले. जनरल पीजीके मेनन को लेह स्थित 14 कोर की कमान सौंपी गई है जिसे फायर एंड फ्यूरी के तौर पर भी जानते हैं। 14 कोर को ही 'फायर एंड फ्यूरी' के तौर पर भी जाना जाता है। इस कमांड पर चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएएसी) के साथ द्रास-कारगिल-बटालिक और सियाचिन सेक्टर में पाकिस्तान से निबटने की जिम्मेदारी है। ऐसे में इस कमान की चुनौतियां भी दोगुनी हो जाती है।ले. जनरल मेनन ने ले. जनरल हरिंदर सिंह ने जिम्मेदारी ली है। ले. जनरल मेनन सिख रेजीमेंट के कर्नल हैं तो कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स की एक यूनिट को भी कमांड कर चुके हैं। ले. जनरल मेनन इस पद पर आने से पहले दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्टर पर डायरेक्टर जनरल (रिक्रूटिंग) के पद पर थे और नियुक्तियों का जिम्मा संभाल रहे थे। अपने फेयरवेल मैसेज में ले. जनरल सिंह ने फायर एंड फ्यूरी में सभी रैंक्स को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि हर ऑफिसर और जवान हर मुश्किल स्थिति और मौसम के बाद भी हर स्थिति के लिए हमेशा रेडी है।
16 कोर को भी मिला नया बॉस
वहीं, नगरोटा स्थित व्हाइट नाइट कोर के कमांडर के तौर पर ले. जनरल हर्ष गुप्ता ने ले. जनरल सुचींद्र को जिम्मेदारी सौंपी। ले. जनरल सुचींद्र ने इस मौके पर कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है जो उन्हें जम्मू कश्मीर में स्थित इस कमान की सेवा का अवसर मिल रहा है। व्हाइट नाइट कोर (16 कोर) पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में स्थित एलओसी पर सुरक्षा की पहली कड़ी है। जम्मू के अखनूर से लेकर राजौरी और पुंछ तक कमान सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। यह कमान 300 किलोमीटर की रेंज में आने वाली एलओसी की रक्षा में तैनात रहती है। मई माह से ही चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव जारी है और ऐसे समय में ही पाकिस्तान की तरफ से लगातार जम्मू क्षेत्र के तहत आने वाली एलओसी पर फायरिंग की जा रही है।