Jammu & Kashmir में दूसरे राज्यों की तरह तीन स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू होने का रास्ता साफ
नई दिल्ली- केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू और कश्मीर में पंचायती राज ऐक्ट, 1989 के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू करने की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार का मानना है कि इस कदम से इस राज्य में भी देश के बाकी हिस्सों की तरह तीन स्तरीय जमीनी स्तर का लोकतंत्र बहाली का रास्ता साफ हो जाएगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस फैसले के बाद जिला विकास परिषद के गठन का रास्ता साफ हो गया है, जिसके सदस्यों को जनता ग्राम पंचायतों और विधायकों और सांसदों की तरह सीधे चुनेगी। संभावना है कि जिला परिषदों के लिए जल्द ही चुनाव भी करवाए जा सकते हैं।
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केंद्रीय कैबिनेट के आज के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि 'संघीय कैबिनेट ने जम्मू और कश्मीर पंचायती राज ऐक्ट, 1989 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस कदम से देश के दूसरे हिस्सों की तरह सभी तीन स्तरीय ग्रास-रूट लेवल की डेमोक्रेसी के गठन में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि प्रदेश के पंचायत संगठन बीते 12 वर्षों से जिला विकास परिषदों के गठन का मुद्दा उठाते रहे हैं। पंचों-सरपंचों के संगठन का कहना रहा है कि इस कदम से राज्य में पंचायती सिस्टम ज्यादा मजबूत बनेगा। ये संगठन हमेशा से प्रदेश में भी देश के दूसरे राज्यों की तरह 73वें संविधान संशोधन को प्रभावी करने की मांग उठाते रहे हैं। वैसे राज्य की कुछ पार्टियां जिला परिषदों के गठन से असहज महसूस कर रही हैं। उनका कहना है कि इससे विधायकों और सांसदों का प्रभाव कम होगा।
जानकारी के मुताबिक जिला विकास परिषद के गठन के बाद जम्मू-कश्मीर के हर जिलों को 14 निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा जाएगा और उसके सदस्य जनता के जरिए सीधे चुने जाएंगे। बाद में वही निर्वाचित सदस्य अपने अध्यक्ष और उपाध्यक्षों का चुनाव करेंगे। कुल मिलाकर यह जिला स्तर की सरकार होगी और जिले में विकास के लिए उन्हें फंड आवंटित किए जाएंगे और वह अपने संसाधनों से भी राजस्व जुटा सकेंगे।
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