J&K:क्या राम माधव ने पाकिस्तान को बता दिया था, मोदी सरकार Article 370 हटा रही है ?
नई दिल्ली: भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार की नीतियों को लेकर बहुत बड़ा दावा किया है। उन्होंने एक ऑनलाइन वीडियो के जरिए कहा है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने 2014 में ही साफ संकेत दे दिया था कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने जा रही है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि माधव इतने आक्रमक हो गए थे कि उन्होंने उनसे कहा था कि पाकिस्तान अब कश्मीर को भूलकर गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके बचाने की चिंता करे। बासित ने जिस इंडिया फाउंडेशन की बैठक में इस तरह की बातें होने का दावा किया है, राम माधव अभी उसके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य हैं।
माधव ने 2014 में ही दे दिया था संकेत-अब्दुल बासित
भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित के मुताबिक भाजपा नेता राम माधव ने उन्हें जम्मू-कश्मीर को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के आने वाले रुख की भनक 2014 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक बैठक में दी थी। उनके मुताबिक उनके लिए वह बहुत ही 'अप्रिय' बैठक थी। सात मिनट के वीडियो में बासित ने दावा किया है कि नई दिल्ली के इंडिया फाउंडेशन के दफ्तर में हुई इस मीटिंग के दौरान माधव का लहजा बहुत ही 'अप्रिय और आक्रामक था। ' बासित का कहना है कि माधव जिनके पास उस समय तत्कालीन जम्मू-कश्मीर प्रदेश का पार्टी प्रभार भी था, उन्होंने उनसे कहा था कि पाकिस्तान को अब कश्मीर को भूल जाना चाहिए और गिलगित-बाल्टिस्तान एवं पाकिस्तानी कब्जे वाली कश्मीर की चिंता करनी चाहिए।
मेरे सामने बार-बार पाकिस्तान को आंतकी देश कहा- अब्दुल बासित
अब्दुल बासित के आरोपों के मुताबिक 'उन्होंने (राम माधव) कहा था कि पाकिस्तान समय बर्बाद कर रहा था और यह सिर्फ कुछ समय की बात है जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हट जाएगा, क्योंकि यह बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा है।' बासित के मुताबिक माधव ने पाकिस्तान को एक संकेत दे दिया था कि आने वाले वक्त में क्या होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा है कि माधव ने उनके सामने पाकिस्तान को एक आतंकवादी देश कहा था। उन्होंने कहा है, 'वह कहते रहे कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और वह आतंकवाद को बढ़ावा देता है। मैंने कहा था कि यह इतना आसान नहीं है, जितना आप चीजों को समझते हैं।' लेकिन, बासित का आरोप है कि माधव सुनने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा है, '...मुझे साफ हो गया कि बीजेपी की मानसिकता क्या है और उनकी नीति क्या होने वाली है।'
'कश्मीर में भारतीय मुसलमानों आएसएस ने लॉन्च कराया'
बासित ने अलगाववादी हुर्रियत नेताओं की पाकिस्तान से दोस्ती को भी 2014 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचने की वजह बताया है, जिससे पहली बार 25 सीटें जीतकर वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। बासित ने ना सिर्फ भाजपा और राम माधव पर अपनी भड़ास निकाली है, बल्कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी रोना रोया है। उन्होंने कहा है कि इसके मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कश्मीर में भारतीय मुसलमानों को लॉन्च करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी आने वाली किताब 'होस्टिलिटी' में भी माधव के साथ हुई उस मीटिंग का जिक्र करने वाले हैं।
मैंने सिर्फ भारत का नजरिया पेश किया था- माधव
बासित के दावों और आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राम माधव ने कहा है बैठक का ब्योरा बिना उनकी सहमति के सार्वजनिक की गई है। उनके मुताबिक, 'हम लोगों ने लंबे समय तक बैठक की थी, लेकिन मैं कभी भी आक्रामक नहीं हुआ था। मैं सिर्फ दृढ़ता के साथ भारत का नजरिया पेश कर रहा था। कुछ भी हो, बिना अनुमति के ऐसी बैठकों का ब्योरा सार्वजनिक किए जाने की हम उम्मीद नहीं करते।' बता दें कि माधव अभी उसी इंडिया फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य हैं। गौरलतब है कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 'ए' को खत्म करने का फैसला लिया था, इसके साथ ही प्रदेश को दो संघ शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
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