J&K:अखरोट की हुई बंपर पैदावार, अब पीएम मोदी से क्या मदद चाहते हैं किसान
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर के अखरोट के किसान इस बार अच्छी फसल से काफी ज्यादा उत्साहित हैं। लेकिन, कोरोना वायरस की वजह से उनकी परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। उनकी फसल खरीदने के लिए उनतक सही खरीदार नहीं पहुंच पा रहे हैं। अब स्थानीय किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह मांग करनी शुरू कर दी है कि वो निजी कंपनियों को उनकी पैदावार खरीदने की इजाजत दें तो उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मौजूदा सरकार की मदद से पिछले कुछ वर्षों में वह अच्छी क्वालिटी वाले अखरोट की खूब पैदावार कर पा रहे हैं। लेकिन, इस बार कोरोना संकट के चलते वह बुरे फंस चुके हैं और उन्हें इसे अपने घरों में जमा करके रखना पड़ रहा है। इसके लिए उन्हें सरकार की सहायता की आवश्यकता है।
अखरोट बेचने में सरकार की मदद चाहिए-किसान
अखरोट की बढ़िया पैदावार होने के बाद जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पंचारी इलाके के किसान प्रशासन से उनके उत्पाद बेचने में मदद चाहते हैं। किसानों को कोविड-19 महामारी की वजह से अपने उत्पाद ग्राहकों तक भिजवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऊपरी मीर इलाके के एक किसान अंगरेज सिंह ने कहा है, 'यहां लगभग 70 फीसदी किसान ऑर्गेनिक अखरोट पैदा करते हैं। लेकिन, कोविड-19 के चलते कोई खरीदार नहीं है और हमें इसे स्टोर करके रखना पड़ रहा है। पहले अखरोट 200 से 250 रुपये किलो तक बिक जाता था, लेकिन अभी हमारे पास ऐसे ग्राहक नहीं हैं, जो 100 रुपये किलो भी अखरोट खरीदें।' उन्होंने कहा कि 'करीब 6,000 परिवार हैं, जिनमें से हर किसी ने अनुमानित तौर पर 50 किलो अखरोट उपजाया है और उसे स्टोर करके रखा है। इस संकट के समय में प्रशासन से हमारी गुजारिश है कि अखरोट बेचने में हमारी मदद करें।'
पीएम मोदी निजी कंपनियों को इजाजत दें- किसान
पास के ही एक और किसान दिलबीर सिंह का कहना है कि वे पिछले 30 वर्षों से खेतों में काम कर रहे हैं। लेकिन, लोगों ने हाल में उर्वरकों का इस्तेमाल करके अखरोट उगाना शुरू किया है। उन्होंने किसानों की ओर से पीएम मोदी से मांग की है कि ,'हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि कुछ निजी कंपनियों को हमारे उत्पाद खरीदने की अनुमति दें, क्योंकि हमने बहुत ज्यादा मात्रा में अखरोट उत्पादित किया है और जमा करके रखा है।' इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि, 'मैं युवाओं से भी आग्रह करूंगा कि खेती करें और आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम उठाएं।'
'पिछले कुछ वर्षों में सरकार से अच्छी मदद मिली है'
स्थानीय लोगों का कहना है कि अखरोट उपजाने वाले किसान अच्छी कमाई करते हैं। लेकिन कोविड-19 के चलते उनकी बिक्री पर बहुत ज्यादा असर पड़ी है। एक स्थानीय निवासी प्रीतम सिंह का कहना है, 'जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर पर बहुत ध्यान दिया है, जिसका परिणाम ये हुआ है कि इलाके में अखरोट की अच्छी वरायटी उपलब्ध है। पिछले 2-4 वर्षों में बागवानी विभाग ने अच्छी क्वालिटी के अखरोट के पौधे उपलब्ध करवाने में काफी सहायता कि है, जो कि प्राकृतिक रूप से उगाया जा रहा है।' उन्होंने यह भी कहा है कि, 'मैं विभाग से गुजारिश करना चाहूंगा कि ज्यादा हाई डेनसिटी वाले पौधे उपलब्ध करवाएं। अच्छी क्वालिटी वाले अखरोट कम ही समय में उपजाए जा सकते हैं।' देश में एक ओर जहां किसान कानूनों को लेकर बवाल मचा हुआ है, वहीं जम्मू-कश्मीर के इन किसानों को अपने उत्पाद की अच्छी कीमत के लिए निजी कंपनियों पर ज्यादा भरोसा है। जो कि नए कानून में भी शामिल किया गया है।
इसे भी पढ़ें- कृषि बिल को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती, कांग्रेस सांसद ने दायर की याचिका