सेना ने शुरू की शोपियां एनकाउंटर की उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी, पीड़ित परिवार ने लगाए ये आरोप
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पिछले महीने 18 जुलाई को हुए शोपियां एनकाउंटर की जांच शुरू कर दी है। सेना ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि संबंध में उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी चल रही है। कई अहम गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इसके साथ ही जांच की बारीकी से निगरानी की जा रही है। श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि शोपियां में ऑपरेशन एम्सिपोरा की उच्चस्तरीय जांच चल रही है।
उन्होंने बताया कि इस मामले से संबंधित प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और प्रगति की बारीकी से निगरानी की जा रही है। बचाव पक्ष के प्रवक्ता ने कहा कि अतिरिक्त सिविल गवाहों को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए कहा जा रहा है। राजेश कालिया ने बताया कि जम्मू और कश्मीर पुलिस द्वारा राजौरी से डीएनए नमूने एकत्र किए गए हैं जिसे 18 जुलाई को मारे गए आतंकवादियों के साथ मिलान के लिए भेजा गया है।
कर्नल कालिया ने कहा, सेना सभी काउंटर आतंकवादी अभियानों के नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, जहां मामले में संदेह उठाए जाते हैं, उनकी कानून के अनुसार उचित प्रक्रिया के तहत की जाती है। चूंकि मामले की जांच चल रही है, इसलिए कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित किए बिना आगे के विवरण को समय-समय पर साझा किया जाएगा। बता दें कि सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां में तीन आतंकवादी मारे गए। हालांकि, इससे जुड़ा कोई और विवरण साझा नहीं किया गया था।
मुठभेड़
वाली
जगह
युवकों
ने
किराए
पर
लिया
था
कमरा
17
जुलाई
को
अपने
परिजनों
से
संपर्क
न
होने
के
बाद
न
लोगों
के
परिवारों
ने
स्थानीय
पुलिस
थाने
में
एक
लिखित
गुमशुदगी
की
रिपोर्ट
दर्ज
कराई
थी।
अपनी
शिकायत
में
उन्होंने
पुलिस
को
सूचित
किया
कि
आखिरी
बार
तीनों
से
उस
समय
बात
हुई
थी
जब
वह
सेब
और
अखरोट
के
व्यापार
के
लिए
16
जुलाई
को
फोन
पर
बताया
था
कि
उन्हें
शोपियां
में
अशिमपोरा
में
एक
कमरा
मिला
है।
बता
दें
कि
यह
वही
जगह
हैं
जहां
सेना
ने
आतंकियों
से
साथ
मुठभेड़
का
दावा
किया
था।
परिवार
ने
अपनी
शिकायत
में
कहा
कि
उस
दिन
के
बाद
से
तीनों
युवकों
की
कोई
जानकारी
नहीं
है।
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