जमीयत उलमा-ए-हिंद का बयान- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, कोई भी अलगाववादी आंदोलन खतरनाक
Recommended Video
नई दिल्ली। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर को लेकर सियासत गरमाई हुई है। इसी बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद की तरफ से कश्मीर को लेकर बयान आया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने दिल्ली में अपनी आम परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने दोहराया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सभी कश्मीरी हमारे हमवतन हैं।
पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि कोई भी अलगाववादी आंदोलन ना केवल देश के लिए बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी हानिकारक है। जमीयत उलमा-ए-हिंद की तरफ से कहा गया है, 'हमें लगता है कि कश्मीरियों के लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों की रक्षा करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।' मुस्लिम संगठन की तरफ से कहा गया है, 'फिर भी, यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि उनका कल्याण भारत के साथ एकीकृत होने में निहित है। कुछ विरोधी ताकतें और पड़ोसी देश कश्मीर को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं।'
ये भी पढ़ें: चांद पर लैंडर से संपर्क नहीं हुआ तो ये होगा इसरो का अगला प्लान
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद वहां भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। 4 अगस्त से ही जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को नजरबंद रखा गया है जिनमें पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। हालांकि, इन सबके बीच घाटी में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून को मंजूरी दे दी थी।
इसके साथ ही इसको लेकर भारत के राष्ट्रपति की ओर से गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया था। जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने से जुड़ा बिल अब कानून बन चुका है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को अलग केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे।