सोनिया को भेजे खत को जमीयत ने बताया फर्जी, सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल
नई दिल्ली- जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शिवसेना को समर्थन देने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कोई खत भेजने से साफ इनकार कर दिया है। सोमवार को एक खत वायरल हुआ था, जिसमें कांग्रेस चीफ को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने की बात सोचने पर ऐतराज जताया गया था। अब जमीयत की ओर से दावा किया गया है कि उसकी ओर से उन्हें ऐसा कोई खत भेजा ही नहीं गया है। जमीयत की ओर से ये भी कहा गया है कि वह पूरे मामले की जांच कर रहा है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच एक और नई बात सामने आई है। सोमवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से साफ किया गया है कि उसके अध्यक्ष अरशद मदनी के हस्ताक्षर वाली जो चिट्ठी वायरल हुई है वह जाली है। जमीयत ने ये भी दावा किया है कि वह जल्द ही इस बात का खुलासा करेगा कि इस तरह की फर्जी चिट्ठी को वायरल करने के पीछे कौन लोग हैं। बता दें कि उस कथित चिट्ठी में कांग्रेस अध्यक्ष को आगाह किया गया था कि शिवसेना को समर्थन देना कांग्रेस पार्टी के लिए घातक साबित हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब जमीयत ने कहा कि मीडिया में जो भी वायरल खत चल रहा है, वह फर्जी है और जल्द ही इस बात को सामने लाया जाएगा कि इस कथित फर्जी पत्र को वायरल कराने वाले लोग कौन हैं।
आपको बता दें कि सोनिया गांधी को लिखे उस कथित खत में जमीयत चीफ अरशद मदनी की ओर लिखा गया था, "...ये सही में दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप शिवसेना को समर्थन देने की सोच रही हैं। यह कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत ही खतरनाक और घातक कदम होगा....।" कथित खत में ये भी लिखा गया था कि उन्हें भरोसा है कि वह उनके खत को बहुत ही अच्छी भावना से देखेंगी।