Jamia Violence: कुलपति अख्तर ने खटखटाया HRD मंत्रालय का दरवाजा, 'उच्च स्तरीय जांच' की मांग की
नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने मंगलवार को एक बार फिर मानव संसाधन विकास मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया और उन्होंने 15 दिसंबर 2019 को विश्वविद्यालय परिसर में हुई पुलिस कार्रवाई की 'उच्च स्तरीय' जांच की मांग की है, वीसी नजमा अख्तर इस घटना की दो रिपोर्ट को पहले ही मंत्रालय को भेज चुकी हैं, उन्होंने पुलिस कार्रवाई की जांच की अपनी मांग फिर से दोहराई है और यह मुद्दा उठाया कि इस विषय में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है।
कुलपति अख्तर पहुंचीं HRD मंत्रालय
उच्चतर शिक्षा सचिव अमित खरे के साथ अपनी बैठक में जामिया कुलपति ने उन्हें सोमवार को छात्रों द्वारा किए गए प्रदर्शन के बारे में भी जानकारी दी, जिन्होंने दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उनके कार्यालय का घेराव किया था।
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वीसी ने छात्रों से कही ये बात
गौरतलब है कि सोमवार को जामिया विवि के छात्र-छात्राओं ने जब सोमवार को जब वीसी दफ्तर का घेराव किया था और वीसी के खिलाफ नारेबाजी की थी, उसके बाद वाइस चांसलर नजमा अख्तर प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच पहुंचीं थीं और उन्होंने छात्रों से कहा था कि उनकी ओर से FIR दर्ज की जा चुकी है लेकिन पुलिस की तरफ से उनकी FIR को रिसीव नहीं किया जा रहा है, जो आप चाहते हैं हम वो नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हम सरकारी अफसर हैं लेकिन पुलिस बिना इजाजत कैंपस में घुसी इसलिए हम कोर्ट तक जाएंगे।
नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर हुआ था बवाल
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर 15 दिसंबर 2019 को जामिया विवि में विरोध प्रदर्शन हुए थे। भीड़ ने मथुरा रोड और सरिता विहार-नोएडा रोड पर जाम लगा दिया था। जब पुलिस ने इन्हें हटाने का प्रयास किया तो शरारती तत्वों ने उनपर पथराव कर दिया जिसके बाद पुलिस के जवाबी कार्रवाई करने पर भीड़ ने करीब आधा दर्जन बसों में आग लगा दी थी, इस हमले में एक दमकलकर्मी के अलावा छह पुलिसकर्मी और 42 प्रदर्शनकारियों घायल हो गए थे।
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