जामिया हिंसा: लाइब्रेरी में बर्बरता का VIDEO जारी, देखिए कैसे छात्रों पर डंडे बरसा रही दिल्ली पुलिस
Recommended Video
नई दिल्ली। दिल्ली के जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में दो महीने पहले जिस 'बर्बरता' से पुलिस इनकार कर रही थी उसका वीडियो सामने आया है। ये जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने जारी किया है, जिसमें सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक साथ कई पुलिसकर्मी लाइब्रेरी में घुसते हैं और छात्रों को लाठियों से पीटने लगते हैं। छात्रों के हाथों में किताबें भी नजर आ रही हैं। यह घटना तब की है जब जामिया के छात्र नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और उस दिन हिंसा हुई थी।
वीडियो पर क्या कहा दिल्ली पुलिस ने
जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने इस वीडियो पर कहा है कि सीसीटीवी फुटेज में साफ झलक रहा है कि पुलिस बल राज्य प्रायोजित हिंसा को अंजाम दे रही है। जामिया के छात्र अपने एग्जाम की तैयारी रीडिंग हॉल में कर रहे थे तभी पुलिस ने उन पर बर्बरता की। वहीं इस वीडियो पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस वीडियो में कुछ नकाबपोश लोग भी दिख रहे हैं। जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी इस वीडियो को शनिवार से ही वायरल कर रही है। पुलिस का यह भी कहना है कि क्राइम ब्रांच को पहले ही जांच सौंप दी गई थी। इन सभी वीडियो की जांच की जाएगी।
जामिया प्रशासन ने मानी थी तोड़फोड़ की बात
15 दिसंबर की घटना पर जामिया प्रशासन ने एक आंतरिक रिपोर्ट भी तैयार की थी जिसके बाद यह कहा गया था कि परिसर के अंदर दिल्ली पुलिस की अनाधिकृत रूप से दाखिल हुई थी , जिसकी न्यायिक जांच की जाए। जब दिल्ली पुलिस कैंपस में घुसी थी तब छात्र कमरे के अंदर शांतिपूर्ण तरीके से अध्ययन कर रहे थे। पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था।
|
कुलपति ने कहा था- FIR करवाएंगे
घटना के अगले दिन यानी 16 दिसंबर को विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा था कि वह कैंपस में रविवार शाम को पुलिस के घुसने को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग करेगा। इसके साथ ही इसने यह भी कहा था कि FIR भी दर्ज कराई जाएगी। सोमवार को विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि पुलिस बिना अनुमति के ही कैंपस में घुसी थी। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि 'इस लड़ाई में हमारे छात्र अकेले नहीं हैं, बल्कि मैं भी उनके साथ हूं।' तब नजमा अख्तर ने कहा था, 'आप संपत्ति को फिर से दुरुस्त कर सकते हैं, लेकिन जो छात्रों पर बीती है उसकी आप भरपाई नहीं कर सकते हैं। हम इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं।
उसैन बोल्ट से भी तेज दौड़ा ये युवक, आनंद महिंद्रा बोले- इसके हाथ में गोल्ड मेडल देखना चाहता हूं