जामिया हिंसा: 1 करोड़ रुपए मुआवजे की याचिका पर HC ने दिल्ली सरकार और पुलिस को भेजा नोटिस
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर, 2019 को हई हिंसा को लेकर एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। जामिया के ही एक छात्र मोहम्मद मुस्तफा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और अन्य को एक नोटिस जारी किया है। बता दें कि मुस्तफा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में कथित तौर पर आई चोटों के लिए मुआवजे की मांग की थी।
शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से पुलिस बलों पर कथित अपराध के मामले में एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की थी। मोहम्मद मस्तफा ने याचिका में कोर्ट से अपील की है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कथित कर्रवाई में उसे पहुंचे शारिरक और मानसिक नुकसान के लिए अधिकारी उसे कम से कम एक करोड़ रुपए के मुआवजे की भुगतान करें। दिल्ली हाईकोर्ट में वकील नबीला हसन के द्वारा दाखिल की गई याचिका में छात्र मुस्तफा को आई चोटों के इलाज में लगने वाले खर्च की भी मांग की है।
SIT
कर
रही
है
जामिया
हिंसा
की
जांच
पिछले
साल
नागरिकता
संशोधन
कानून
(सीएए)
को
लेकर
15
दिसंबर
को
जामिया
मिल्लिया
इस्लामिया
में
हुए
विरोध
प्रदर्शन
के
दौरान
हुई
हिंसा
की
जांच
दिल्ली
पुलिस
की
विशेष
जांच
दल
(एसआईटी)
कर
रही
है।
इसी
महीने
दिल्ली
पुलिस
की
क्राइम
ब्रांच
टीम
यूनिवर्सिटी
कैंपस
पहुंची
थी।
जांच
टीम
में
शामिल
डीसीपी
राजेश
देव,
एसीपी
संदीप
लांबा
और
अन्य
अधिकारी
कैंपस
में
जांच
करने
पहुंचे
थे।
इसी
बीच
जामिया
के
पूर्व
छात्र
संघ
ने
जामिया
नगर
पुलिस
स्टेशन
में
दिल्ली
पुलिस
के
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
कराया
था।
शिकायत
में
15
दिसंबर
के
दिन
छात्रों
के
साथ
पुलिस
के
व्यवहार
की
बात
कही
गई
थी।
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