कपिल मिश्रा ने जामिया घटना की तुलना कसाब से की, ट्वीट करके ये कहा
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता कपिल मिश्रा लगातार अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान विवादों में रहने के बाद कपिल मिश्रा ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है, जिसकी वजह से वह चर्चा में आ गए हैं। दरअसल जिस तरह से जामिया के भीतर पुलिस की कार्रवाई का वीडियो सामने आया था, उसके बाद तमाम लोगों ने इसे साझा करते हुए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा था। लेकिन इस घटना का दूसरा वीडियो सामने आने के बाद पूरी की पूरी तस्वीर पलट गई। अब इस घटना का जिक्र करते हुए कपिल मिश्रा ने सवाल खड़ा किया है।
कसाब से तुलना की
कपिल मिश्रा ने ट्वीट करके इस घटना की तुलना 26/11 में मुंबई में हुए आतंकी घटना से की और कहा कि अगर उस दिन कसाब भी लाइब्रेरी में घुस जाता तो उसे भी ये लोग निर्दोष कहते हैं। कपिल मिश्रा ने ट्वीट करके लिखा कि अगर उस दिन कसाब भागकर गन समेत लाइब्रेरी में घुस जाता तो इनोसेंट कहलाता। बता दें कि कपिल मिश्रा मॉडल टाउन से उम्मीदवार थे, लेककिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
नजीब जंग ने जांच की मांग की
वहीं इस पूरी घटना के बाद दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी के वीडियो की जांच की मांग की है। जंग ने कहा है कि वीडियो में पुलिस लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों की पिटाई करती दिख रही है। इस पर दिल्ली पुलिस को अपना पक्ष रखना चाहिए, साथ ही इस मामले की एक उच्चस्तरीय जांच भी जरूरी है ताकि स्थिति साफ हो। जामिया के पूर्व वीसी नजीब जंग ने कहा कि अगर कोई छात्र पुलिस पर पत्थर चलाकर लाइब्रेरी में छुपा, जैसा कि कुछ लोगों का दावा है तो वो भी गलत है। उसकी भी हम निंदा करते हैं।
रविवार को सामने आया था वीडियो
गौरतलब है कि रविवार को जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक साथ कई पुलिसकर्मी लाइब्रेरी में घुसते हैं और छात्रों को लाठियों से पीटने लगते हैं। जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने इस वीडियो पर कहा है कि सीसीटीवी फुटेज में साफ झलक रहा है कि पुलिस बल राज्य प्रायोजित हिंसा को अंजाम दे रही है। जामिया के छात्र अपने एग्जाम की तैयारी रीडिंग हॉल में कर रहे थे तभी पुलिस ने उनपर बर्बरता की।
पुलिस का पक्ष
वहीं, इस वीडियो पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस वीडियो में कुछ नकाबपोश लोग भी दिख रहे हैं। पुलिस का कहना है कि क्राइम ब्रांच को पहले ही जांच सौंपी जा चुकी है। सभी वीडियो की जांच की जाएगी। दरअसल, जामिया के छात्र 15 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को रोका था। इस दौरान जामिया के छात्रों और प्रशासन ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने लाइब्रेरी, क्लासरूम, हॉस्टल और मस्जिद तक में घुसकर छात्रों को मारा है। पुलिस ने इससे साफ इनकार कर दिया था। अब दो महीने बाद लाइब्रेरी का वीडियो सामने आया है। जिसमें पुलिस लाइब्रेपी में बैठे छात्रों पर बुरी तरह से लाठियां बरसा रही है।
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