हिंसक प्रदर्शनों के बाद जामिया की वीसी ने दिया छात्रों का साथ, बोलीं- 'आप अकेले नहीं हैं'
नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर ने कहा है कि पुलिस ने छात्रों के साथ जैसा व्यवहार किया, उससे वह काफी दुखी हैं। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में रविवार को काफी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया था। अब विश्वविद्यालय की वीसी ने कहा है कि वह इन छात्रों के साथ हैं।
'मामले को आगे तक लेकर जाऊंगी'
विश्वविद्यालय द्वारा जारी वीडियो में वीसी नजमा अख्तर ने कहा, 'छात्रों के साथ हुए व्यवहार से मैं दुखी हूं। मैं अपने छात्रों को यह बताना चाहती हूं कि इस कठिन लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं, मैं और पूरी जामिया कम्युनिटी उनके साथ है। मैं इस मामले को आगे तक लेकर जाऊंगी। ये कतई स्वीकार्य नहीं है जिस तरह से पुलिस विश्वविद्यालय में दाखिल हुई। छात्र उस वक्त लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे।'
प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगाई
बता दें नागिकता संशोधन बिल (CAB) और नागरिकता संशोधन विधेयक (NRC) के विरोध में रविवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। दक्षिणी दिल्ली की सड़कों पर काफी हिंसा देखने को मिली। पुलिस ने बताया कि जब प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में तोड़फोड़ की और उनपर पत्थरबाजी की तो उन्हें भी लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कम से कम 4 बसों को आग के हवाले कर दिया।
'पुलिस पर पत्थर फेंके गए'
जिन 50 छात्रों को हिरासत में लिया गया था उन्हें सोमवार सुबह रिहा कर दिया गया है। दूसरी ओर रविवार को ही अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में भी पुलिस और छात्रों के बीच झड़प देखी गई। जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके तो उन्हें आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। जामिया के अलावा हैदराबाद के मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
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