जमात-ए-उलेमा हिंद प्रमुख बोले- देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
नई दिल्ली। देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटना पर अब इस्लामिक मदरसा जमात-ए-उलेमा हिंद के प्रमुख ने भारत में ऐसी घटनाओं के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। शुक्रवार को गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जमात-ए-उलेमा-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी ने कहा कि देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के लिए मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है न कि सत्तारूढ़ दल भाजपा या फिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ।
उच्चस्तरी जांच के बाद सामने आ जाएगी सच्चाई
कासमी ने कहा कि अगर इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाती है तो यह साफ हो जाएगा। मौलवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के दौरान हुई मॉब लिंचिंग की घटना की जांच होनी चाहिए। मौलवी के इस बयान के बाद कांग्रेस वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मॉब लिंचिंग की घटना और 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए जबरदस्ती की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि लोग आज भी डरे-डरे जी रहे हैं। एएनआई से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में रहने वाले लोग डर में नहीं रह रहे हैं, बल्कि इलाके में रहने वाले लोग देश में व्यप्त माहौल के कारण भय में जी रहे हैं।
खुर्शीद बोले- जय श्री राम के नारे के लिए लोगों को मजबूर किया जा रहा
खुर्शीद की यह टिप्पणी यूपी की उस घटना के बाद आई है जहां मदरसा के तीन छात्रों को कथित तौर पर क्रिकेट चमगादड़ों से पीटा गया और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दो समूहों के बीच झड़प के दौरान 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया। यह भी बता दें कि उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने हाल ही में देश में भीड़ की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी और खतरे को रोकने के लिए कई उपाय सुझाए थे। विधि आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है जिसमें उन्होंने मॉब लिंचिंग के मामलों में दोषी पाए गए लोगों के लिए भारी जुर्माना के साथ-साथ आजीवन कारावास की सिफारिश भी की है।
भारी जुर्माना और आजीवन कारावास की सिफारिश
राज्य के कानून पैनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने मुख्यमंत्री को दिए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इससे निपटने के लिए एक मजबूत कानून की आवश्यकता है। मॉब लिंचिंग के मामलों से निपटने के लिए एक मजबूत कानून बनाने का की बात करते हुए रिपोर्ट में जस्टिस मित्तल ने कहा है कि घटना में अगर पीडित की मौत होती है तो दोषियों के खिलाफ भारी जुर्माना और आजीवन कारावास की सिफारिश की गई है। राज्य विधि आयोग ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय को ड्राफ्ट बिल जमा किया जिसमें भीड़ की घटनाओं का मुकाबला करने के विभिन्न उपायों का सुझाव दिया गया।