बांग्लादेशी संगठन आतंकियों की भर्ती के लिए पश्चिम बंगाल के मदरसों का कर रहा है इस्तेमाल
नई दिल्ली। बांग्लादेश का आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (JMB) पश्चिम बंगाल में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी खुफिया जानकारी के आधार पर कहा है कि जेएमबी पश्चिम बंगाल के वर्धमान और मुशीर्दाबाद जिलों में अपनी जिहादी गतिविधियों और आतंकी भर्तियों का काम कर रहा है। केंद्र सरकार ने जेएमबी और उससे संबंधित संगठनों को आतंकी संगठन के रूप में अधिसूचित किया हुआ है।
बंगाल में आतंकियों के लिए पनाहगार बनते जा रहे मदरसों के बारे में नरेंद्र मोदी सरकार ने खुलासा किया है। केंद्र ने जेएमबी को आतंकवादी संगठन की लिस्ट में शामिल किया है , जो मदरसों के माध्यम से दहशतगर्दी फैला रही है। मंगलवार को लोकसभा में भाजपा के सांसद खगेन मुर्मु तथा डॉ सुकांत मजूमदार के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के पहले, लोकसभा चुनाव के दौरान तथा लोकसभा चुनाव 2019 के बाद हिंसा की कई घटनाओं की सूचना मिली है। परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हुई है और कई घायल हुए हैं।
बता दें कि 2 अक्टूबर, 2014 को पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में एक घर में एक विस्फोट हुआ था जिसमें शकील गाजी नाम के शख्स की पहचान हुई थी जिसकी मौत हो गई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने खुलासा किया कि जेबीएम सदस्य बांग्लादेश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को उखाड़ कर शरिया शासन स्थापित करना चाहते हैं।
क्या है जेएमबी
जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) बांग्लादेश का एक कट्टर इस्लामी आतंकवादी गिरोह है। पिछले दशक में इसने बांग्लादेश में कई बड़े हमले किए थे। 29 मार्च 2007 में इस गिरोह के चार आतंकवादियों को अलग-अलग आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए फांसी दी गई थी। लेकिन अब ये गिरोह दोबारा ताकतवर हो रहा है। इसे कट्टरपंथी इस्लामी देशों और संगठनों से वित्तीय सहायता मिलती है। 2015 में बांगलादेश में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों मजहर खान और फरीना अरशद को जेएमबी को फंड मुहैया कराते रंगे हाथ पकड़ा गया था।
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