जल्लीकट्टू: सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ अब करेगी मामले की सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जल्लीकट्टू मामले को की सुनवाई संवैधानिक पीठ सौंप दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ अब तय करेगी कि बैलों को काबू में करने वाले पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू को क्या 'कल्चरल राइट्स' के तहत जारी रखा जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने संबंधित मामले को पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ को सौंपने का फैसला किया है। साथ ही इसके निधार्रण के लिए पांच प्रश्न तय किए हैं।
संवैधानिक पीठ करेगी सुनवाई
मामले में जस्टिस आरएफ नरीमन ने आदेश सुनाते हुए कहा कि हमने संविधान पीठ के निधार्रण के लिए पांच प्रश्न तय किये हैं। दरअसल तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकारों ने प्रीवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स एक्ट, 1960 में संशोधन किया, जिसमें जल्लीकट्टू और बैलगाड़ी प्रतियोगिता को मंजूरी दी है। दोनों राज्यों में एक्ट को लेकर हुए संशोधन की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी।
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई हैं कई याचिकाएं
बता दें कि पशु कल्याण से जुड़े कई संगठनों ने जल्लीकट्टू और बैलगाड़ी प्रतियोगिता का विरोध किया था। उनके प्रयास की वजह से साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों के साथ हिंसक बर्ताव को देखते हुए इन्हें बैन कर दिया गया था। हालांकि इसको लेकर तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन हुए।
क्या होगा जल्लीकट्टू का भविष्य
जल्लीकट्टू को सांस्कृतिक विरासत बताया गया, इसके समर्थन में कई बड़े नाम सामने आए। बाद में केंद्र सरकार ने जनवरी 2016 में अधिसूचना जारी कर इस खेल को अनुमति दे दी। हालांकि जानवरों से ज्यादती सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गई, इसी मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।
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