जलियांवाला बाग: पहली बार ब्रिटिश राजदूत ने स्मारक पर जाकर दी श्रद्धांजलि, गोलीकांड को बताया एक शर्मनाक पल
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अमृतसर। शनिवार यानी 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग कांड के 100 वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर ब्रिटिश राजदूत सर डॉमिनिक एसक्यूइथ ने अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग मेमोरियल पर जाकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। यह पहला मौका है जब ब्रिटेन के किसी राजनयिक ने इस कांड के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर की हैं। हाल ही में ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर थेरेसा मे ने इस गोलीकांड के लिए पहली बार संसद में निंदा की है। 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार था जब ब्रिटिश सरकार की किसी प्रतिनिधि की ओर से इस कांड को सार्वजनिक तौर पर शर्मनाक करार दिया गया था।
राजदूत ने गोलीकांड को बताया एक शर्मनाक पल
ब्रिटिश हाई कमिश्नर सर डॉमिनिक ने यहां पर विजिटर बुक में एक संदेश भी लिखा। उन्होंने विजिटर बुक में लिखा, '100 वर्ष पहले हुआ जलियांवाला बाग कांड भारत और ब्रिटेन के इतिहास में एक शर्मनाक पल है। हम इस पर अफसोस जताते हैं। भारत और ब्रिटेन की साझेदारी 21वीं सदी में इसी तरह से आगे बढ़ती रहनी चाहिए।' 13 अप्रैल 1919 को कुछ प्रदर्शनकारी जिनमें कुछ तीर्थयात्री भी शामिल थे, वह बैसाखी के मौके पर जालियांवाला बाग में इकट्ठा हुए थे। तभी उस समय की ब्रिटिश आर्मी जिसे ब्रिटिश इंडियन आर्मी कहा जाता था और जिसे कर्नल रेगिनैल्ड डायर लीड कर रहे थे, उसने लोगों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी।
10 मिनट तक बरसीं थीं गोलियां
इस कांड के बाद उस समय लड़ाई में शामिल भगत सिंह जैसे तमाम युवाओं को देश के लिए लड़ाई में नया जुनून भरने की प्रेरणा मिली थी। जनरल डायर के आदेश पर उनके सैनिकों ने भीड़ पर करीब 10 मिनट तक बिना रुके गोलियां बरसाई थीं। इन गोलियों का निशाना वे सभी खुले दरवाजे थे जिनके जरिए लोग बचकर बाहर जाने की कोशिशें कर रहे थे। जो विरोध प्रदशर्न जलियांवाला बाग में जारी था उसमें हिंदु, सिख और मुसलमान तीनों ही धर्मों के लोग शामिल थे। जब जनरल डायल के आदेश पर गोलियां बरसाई जा रही थी उस समय कई लोग अपनी जान बचाने के लिए बाग में स्थित कुंए में कूद पड़े। इस कुंए को आज शहीदी कुएं के नाम से जानते हैं और यह आज भी बाग में मौजूद है।
Amritsar: British High Commissioner to India Sir Dominic Asquith lays wreath at #JalianwalaBagh memorial on commemoration of 100 years of the massacre. #Punjab pic.twitter.com/qDY0oKVJNA
— ANI (@ANI) April 13, 2019
Amritsar: British High Commissioner to India Sir Dominic Asquith's message in the visitor's book at #JallianwalaBagh memorial. #Punjab #JallianwalaBaghCentenary pic.twitter.com/qo6k4c4JXr
— ANI (@ANI) April 13, 2019