देश के कई हिस्सों में सूखे जैसे हालात पर जल शक्ति मंत्री बोले- जल संकट मीडिया की देन
नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में तापमान 45 से 50 डिग्री के आसपास है। मानसून के लेट होने की वजह से देश के अधिकांश पश्चिमी क्षेत्रों में सूखे जैसी स्थिति है। देश के पहले जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को कहा कि देश के बांधो में पर्याप्त पानी है और जल संकट मीडिया की देन है। मीडिया इसे लेकर हाइप बना रहा है। उन्होंने ये बयान एक सवाल के जवाब में दिया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार पानी की समस्या से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है।
जल संकट मीडिया की देन
देश के पहले जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पानी के संकट को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तर क्षेत्र में हिमाचल और अन्य इलाकों में बांधों में पर्याप्त पानी है। मीडिया जल संकट का गलत प्रचार कर रही है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु को सूखे को लेकर एक एडवाइजरी जारी की थी। केंद्रीय जल आयोग ने 18 मई को ये एडवाइजरी जारी की थी। सूखे को लेकर एडवाइजरी तब जारी की जाती है जब जलाशयों में जल स्तर पिछले 10 वर्षों के जल भंडारण के आंकड़ों के औसत से 20 फीसदी कम होता है।
पिछले महीने ये था आंकड़ा
पिछले महीने जारी आंकड़ों के अनुसार कुल जल संग्रहण 35.99 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 22 फीसदी है। इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 161.993 बीसीएम है। मराठवाड़ा में स्थिति और बुरी है। यहां 45 प्रमुख बांधों में जल स्तर खतरनाक रूप से नीचे चला गया है। इसके अतिरिक्त निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने कहा कि विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी मध्य प्रदेश और गुजरात में बारिश सामान्य से भी बहुत कम होगी। शेखावत ने कहा कि वर्तमान में भारत में 18 फीसदी नल की उपलब्धता है, हम इसे 2024 तक 100 फीसगी तक ले जाने की योजना बना रहे हैं। केंद्र सरकार लगभग 14 करोड़ परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बना रही है।
बीजेपी ने स्वच्छ पेयजल का किया था वादा
लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम मोदी ने अपने चुनावी अभियान में पानी से संबंधित मुद्दों की देखभाल करने वाले सभी मंत्रालयों को एकीकृत करने का वादा किया था। बीजेपी ने चुनाव में सभी घरों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का भी वादा किया था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता 5 फीसदी से कम है। शेखावत ने कई राज्यों के अधिकारियों और मंत्रियों के साथ पानी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जल आपूर्ति और इसकी मांग के बीच व्यापक अंतर का हवाला देते हुए, जल संरक्षण पर भी जोर दिया जाएगा।हालांकि पश्चिम बंगाल की बैठक में कोई प्रतिनिधि नहीं था।
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